देश के इन 9 राज्यों में बारिश हुई कम, जून जुलाई के दौरान 6 राज्यों में जमकर बरसे बादल

अगर उत्तर पश्चिम के बारे में बताया जाए तो 14% कम और पूर्वी उत्तरी राज्यों में 12% कम बारिश देखने को मिली है। वहीं मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि उड़ीसा के तट पर बन रहे दबाव के कारण आने वाले 24 घंटे में उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में बारिश के आसार है। 
 

Imd Latest Rainfall Report : इस बार मानसून की बारिश में असामान्य स्थितियां देखने को मिली है। इसका असर ये हुआ कि कई राज्यों में कम बारिश हुई तो कई राज्यों में जमकर बारिश देखने को मिली। दक्षिणी भारत के कई राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश देखने को मिली है। इनमें से सबसे अधिक तमिलनाडु में बरसात हुई है। यहां पर सामान्य से 83% अधिक बारिश देखने को मिली है। वहीं अगर उत्तर भारत की बात करें तो पंजाब हरियाणा उड़ीसा झारखंड और बिहार में सामान्य से कम बारिश देखने को मिली है। 

वहीं अगर उत्तर पश्चिम की बात करें तो 14% कम और पूर्वी उत्तरी राज्यों में 12% कम बारिश देखने को मिली है। वहीं मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि उड़ीसा के तट पर बन रहे दबाव के चलते आने वाले 24 घंटे में उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में बारिश के आसार है। 

नहीं है अधिक सुधार की उम्मीद 

मध्य भारत में अच्छी बारिश देखने को मिली है इसके साथ-साथ दक्षिणी भारत में सामान्य से 26% अधिक बारिश हुई है। मौसम विभाग ने बताया कि जुलाई के अंतिम सप्ताह और अगस्त के शुरू में अच्छी बारिश होने का अनुमान लगाया जा रहा है। लेकिन इसके साथ-साथ कुल मिलाकर स्थिति में सुधार नहीं दिख रहा है। 

मौसम विभाग ने बताया कि बढ़िया खबर ये है कि बारिश की कमी के चलते खरीफ फसल बोने की स्थिति प्रभावित नहीं हुई है। अगस्त के शुरुआती दिनों में मानसून कमजोर पड़ने का अनुमान है। ला नीना बनने में हो रही देरी और ला नीना प्रशांत महासागर के मध्य और पूर्वी भूमध्य रेखा के आसपास समुद्र की सतह के तापमान में समय-समय पर होने वाली ठंडक से जुड़ी जलवायु स्थित है। 

खरीफ सीजन नहीं हुआ प्रभावित 

बारिश की कमी के चलते अभी तक खरीफ सीजन की फसलों में कोई ज्यादा असर देखने को नहीं मिल रहा है। क्योंकि देश भर में मानसून कमजोर होने के कारण जुलाई महीने में अच्छी बारिश देखने को मिल गई। जिसे हर राज्य में बनाए गए जलाशयों में भंडार पूरा हो गया। 

केंद्रीय जल आयोग ने आंकड़े जारी करते हुए 27 जून को बताया कि इन सभी डैमो में कुल भंडारण 20% तक भरा हुआ था। जो 18 जुलाई तक बढ़कर 29% तक पहुंच चुका था। इस बार धान, दाल और तिलहन जैसी खरीफ फसलों को पिछले साल के मुकाबले अधिक बोया गया है। लेकिन बारिश की कमी के चलते इस बार बुवाई देरी से देखने को मिली है।

किन फसलों पर किसानों का रुझान 

सरकार मोटे अनाज की खेती के लिए किसानों को आकर्षित कर रही है और कई तरह है कि सब्सिडी योजनाएं चल रही है। किसानों को ज्वार, बाजरा और अन्य मोटे अनाज लगाने के लिए सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी की तरफ खासा रुझान देखने को मिल रहा है। देश भर में खरीफ सीजन की बुवाई का करीबन 60% काम पूरा हो गया है।