Bihar के ये 4 हाइवै कर देंगे बंगाल- झारखंड और नेपाल का सफर आसान, जल्द होंगे शुरू
मार्च 2024 तक बिहार में 4 नए नेशनल हाइवे को चालू कर दिया जाएगा. जिसके बाद बंगाल-झारखंड और नेपाल का भी सफर काफी आसान होने वाला है. नरेनपुर-पूर्णिया, अररिया-गलगलिया, पिपराकोठी- मोतिहारी-रक्सौल और पटना-गया- डोभी सड़क प्रोजेक्ट का ताजा हाल..
Saral Kisan : बिहार में, चार नेशनल हाइवे का निर्माण इस साल से लेकर मार्च 2024 तक पूरा किया जाएगा, जिनमें नरेनपुर-पूर्णिया, अररिया-गलगलिया, पिपराकोठी-मोतिहारी-रक्सौल और पटना-गया-डोभी सड़क शामिल हैं। सभी इन परियोजनाओं का काम उच्च गति से जारी है और यह उपयुक्त प्रमाण वाले वाक्यों के साथ तैयार हो रहा है। इन सड़कों के निर्माण से आवागमन में बेहतरी होगी और साथ ही पश्चिम बंगाल, झारखंड और नेपाल से बेहतर कनेक्टिविटी की सामर्थ्य विकसित होगी, जिससे राज्य के आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में वृद्धि होगी।
अररिया-गलगलिया फोरलेन एनएच की जानकारी
सूत्रों के अनुसार, अररिया-गलगलिया फोरलेन एनएच का निर्माण दो पैकेजों में करीब 94 किमी की लंबाई में हो रहा है और इसे पूरा करने की समय सीमा नौ जनवरी 2024 तक है। इस परियोजना में जमीन के अधिग्रहण की समस्या को हल कर दिया गया है और साथ ही मुआवजे का भुगतान भी जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि अररिया-गलगलिया फोरलेन एनएच का निर्माण दो पैकेजों में हो रहा है और इसमें करीब 94 किमी की लंबाई में सड़क बन रही है। मेसर्स जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड को इसके निर्माण की जिम्मेदारी 10 जनवरी 2022 को सौंपी गई थी और इसे 9 जनवरी 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना में जमीन के अधिग्रहण की समस्या अब हल हो चुकी है और साथ ही मुआवजे का भुगतान भी जिला प्रशासन द्वारा हो रहा है।
इस सड़क के निर्माण कार्य की गति से जुड़े हुए होने के कारण इसी साल इस सड़क पर आवागमन की संभावना है। इस प्रकार, पहले पैकेज में अररिया-गलगलिया सड़क प्रोजेक्ट के तहत गलगलिया से बहादुरगंज तक करीब 49 किमी की फोरलेन सड़क बनाई जा रही है, जिसका कुल लागत 800.23 करोड़ होगी। उसी तरह, दूसरे पैकेज में बहादुरगंज से अररिया तक 45 किमी की फोरलेन सड़क बन रही है, जिसकी कुल लागत 799.14 करोड़ होगी।
नरेनपुर-पूर्णिया एनएच का निर्माण
नरेनपुर-पूर्णिया फोरलेन एनएच का निर्माण करीब 49 किमी की लंबाई में 1905 करोड़ की लागत से हो रहा है और इसका काम 18 मार्च 2021 को शुरू हुआ था। इस परियोजना का निर्माण अब अंतिम चरण में है, जिससे सीमांचल क्षेत्र में आवागमन की सुविधा में वृद्धि होगी।
पूर्णिया-नरेनपुर फोरलेन सड़क से सीमांचल के बहुरेंगे दिन
पूर्णिया-नरेनपुर फोरलेन सड़क के निर्माण कार्य के पूरा होने की प्रतीक्षा सीमांचल क्षेत्र के लोगों के लिए बेसब्री से चल रही है। इस परियोजना की कुल लागत 1324.63 करोड़ होगी और इसमें 47.04 किमी में फोरलेन और 2.03 किमी लंबी कटिहार बाइपास समेत तीन रेलवे ओवरब्रिज बनाए जाएंगे। यह परियोजना बिहार की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है और इससे सीमांचल क्षेत्र के विकास को नई दिशा मिलेगी।
पिपराकोठी-मोतिहारी-रक्सौल एनएच का निर्माण
पिपराकोठी-मोतिहारी-रक्सौल फोरलेन एनएच-28ए और 527डी का निर्माण करीब 68.6 किमी की लंबाई में 400 करोड़ की लागत से हो रहा है और इस परियोजना की समय सीमा 2019 में शुरू हुई थी और इसका काम अब अंतिम चरण में है। इस सड़क परियोजना से नेपाल तक कनेक्टिविटी में सुधार होगा और नेपाल बॉर्डर से उत्तर बिहार का संपर्क मजबूत होगा।
पटना-गया-डोभी एनएच का निर्माण
पटना-गया-डोभी फोरलेन एनएच के तीन पैकेजों का करीब 127 किमी की लंबाई में निर्माण करीब 1609 करोड़ की लागत से मार्च 2024 तक पूरा होने की संभावना है और इससे पटना से झारखंड आवागमन में सुविधा में वृद्धि होगी।
पटना-गया-डोभी फोरलेन सड़क का प्रभाव
पटना-गया-डोभी फोरलेन सड़क के निर्माण कार्य को अदालत में ले जाया गया है, क्योंकि इस सड़क में पांच रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण कार्य की धीमी गति और अन्य कई अड़चनों के कारण समय सीमा से अधिक समय लग गया है। इस प्रकार, 3 पैकेजों में बाँधा गया है और यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से समाप्त होने से पहले जनवरी माह में उद्घाटन किया जा सकता है।
सड़क के निर्माण कार्य की गति और सुरक्षा
इन सड़कों के निर्माण कार्य की गति और उनकी सुरक्षा पर ध्यान देना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि आवागमन के साथ ही सड़कों का उपयोग करने वाले लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सके। निर्माण कार्य में अच्छी गति और सुरक्षा के साथ काम करने से यातायात सुविधा और राज्य के विकास में सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।
इन प्रमुख सड़क परियोजनाओं के निर्माण से निम्नलिखित लाभ होंगे:
राज्य की कनेक्टिविटी में वृद्धि: ये सड़क परियोजनाएं बिहार की विभिन्न क्षेत्रों को एक साथ जोड़ने में मदद करेंगी और कनेक्टिविटी में सुधार करेगी।
आर्थिक विकास: ये परियोजनाएं न केवल सड़कों के निर्माण में लोगों को रोजगार प्रदान करेंगी, बल्कि सड़कों के बारे में विकसित होने के साथ-साथ निवेश और व्यापार को भी बढ़ावा देगी।
सामाजिक विकास: उचित सड़क संरचना से सामाजिक और आर्थिक विकास को सहायता मिलेगी, क्योंकि लोगों को आसानी से यातायात करने का अवसर मिलेगा।
पर्यावरण संरक्षण: सड़क परियोजनाओं के निर्माण में पर्यावरण संरक्षण के मानकों का पालन किया जाता है, जिससे पर्यावरण को किसी भी नकरात्मक प्रभाव का सामना नहीं करना पड़ता।
इन सड़क परियोजनाओं के निर्माण से बिहार राज्य में सामाजिक, आर्थिक, और वाणिज्यिक दृष्टिकोण से विकास होने की संभावना है।
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