उत्तर प्रदेश के इन 4 जिलों की लगेगी लॉटरी, विश्व स्तर का होगा काम, पड़ेगी 1.2 लाख एकड़ जमीन की जरुरत

उत्तर प्रदेश में इस प्रोजेक्ट के लिए 0.81 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए करीबन 1.2 लाख एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी। औद्योगिक निवेश क्षेत्र में बड़े आकार के भूखंड और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अपनी और आकर्षित करने में कामयाब होंगे।
 

Special Investment Zone : उत्तर प्रदेश में निवेश, निर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए चार बड़े सेक्टर में निवेश करने का प्लान बनाया जा रहा है। योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश को विश्वस्तरीय निर्माण के तौर पर तैयार करने के लिए बड़ा प्लान बनाया जा रहा है। इसके लिए उत्तर प्रदेश के चार जिलों अलीगढ़, प्रयागराज, उन्नाव और झांसी को चयनित किया गया है। क्योंकि ये चारों जिले यमुना एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के नजदीक पड़ते हैं।

उत्तर प्रदेश में इस प्रोजेक्ट के लिए 0.81 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए करीबन 1.2 लाख एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी। औद्योगिक निवेश क्षेत्र में बड़े आकार के भूखंड और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अपनी और आकर्षित करने में कामयाब होंगे। गुजरात में बनाए गए चार विशेष निवेश क्षेत्र की तर्ज पर इसे बनाया जाएगा। इन चार क्षेत्रों में से सबसे पहले बुंदेलखंड झांसी में निवेश क्षेत्र विकसित किया जाएगा। इसको बनाने के लिए उत्तर प्रदेश में जमीन आसानी से और बड़े आकार की मिल सकती है।

मुख्यमंत्री होंगे निर्माण बोर्ड के अध्यक्ष

इस प्रोजेक्ट के लिए हाल ही में सरकार ने निर्माण एक्ट तैयार किया है। इसके तहत निर्माण बोर्ड में मुख्यमंत्री अध्यक्ष, औद्योगिक विकास मंत्री उपाध्यक्ष व राजस्व श्रम वित्त विभाग के मंत्री व मुख्य सचिव आईडीसी सदस्य होंगे। इन नियुक्तियों को सरकार की अवधि तक रखा जाएगा। इसके साथ-साथ निर्माण क्षेत्र में प्राधिकरण के लिए एक क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण भी बनाया जाएगा।

अमेरिकन सलाहकार कंपनी डिलाइट में उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सलाह दी है। नोडल इन्वेस्टमेंट रीजन फॉर मैन्युफैक्चरिंग एक्ट के आधार पर योगी सरकार ने विशेष क्षेत्र में निवेश करने का प्लान बनाया है। उत्तर प्रदेश नोडल विनिधान रीजन वे निर्माण क्षेत्र विधायक 2024 विधानसभा मंडल के आगामी वर्षाकालीन सत्र में पास करवाया जाएगा।

क्या होता है विशेष निवेश जोन

विशेष निवेश जॉन बड़े आकार के ऐसे क्षेत्र होते हैं जहां पर विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधा मिलती है। आर्थिक गतिविधियों को संचालित करने के लिए बाधा रहित सिस्टम तैयार किया जाता है। इन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग या एक्सप्रेस वे के किनारे बनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय कंपनियां अधिकतर निवेश बड़े क्षेत्रफल वाले इलाकों में निवेश करना पसंद करती है।

इन राज्यों में बने विशेष निवेश क्षेत्र

साल 2009 में इस विशेष योजना की शुरुआत गुजरात में की गई थी। इसके बाद अब तक करीबन 11 क्षेत्र गुजरात में बनाई जा चुके हैं। धोलेरा इसका प्रमुख केंद्र है। इसके साथ-साथ राजस्थान में इस योजना की शुरुआत 2015 में की गई और कर्नाटक में भी इसी तरह के निवेश क्षेत्र बनाए गए हैं। कर्नाटक के टंकर और धारवाड़ में इस तरह के जॉन बने हैं। इसके चलते यह राज्य निवेश निर्माण के बड़े केंद्र के तौर पर उभर रहे हैं। इन राज्यों से निर्यात को भी बढ़ावा मिला है। इस क्षेत्र में काम करने के लिए बड़े स्तर पर कंपनियों द्वारा निवेश किया जाता है। इससे उद्योग लगाने में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने में सहायता मिलती है। गुजरात सहित तीन राज्यों में यह मॉडल तैयार किया जा रहा है।