राजस्थान के इन 20 जिलों चमकेगी किस्मत, बिछेगा सड़कों का जाल, सिंगापुर-अमेरिका जैसा आएगा फील

राजस्थान में पहली बार ऐसी सड़कों का निर्माण करवाया जाएगा जो 20 से ज्यादा जिलों को फायदा पहुंचाएगी. यह मार्ग इतनी शानदार होंगे की यात्रा के दौरान अमेरिका और सिंगापुर जैसी फील देंगे.
 

Rajasthan : राजस्थान में राज्य सरकार लगातार ज्यादातर जिलों को आपस में जोड़ने के लिए नई सड़कों का निर्माण करवा रही है. हाईवे एक्सप्रेसवे समेत सभी मार्गों का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद इन पर यात्रा करने में विदेशों जैसा फील आएगा. सड़कें हरे मैदानों, खेतों और रेत के बड़े-बड़े टील्लों से होकर गुजरेंगी. दोनों तरफ खूब हरियाली देखने को मिलेगी जिसकी वजह से इनको ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का नाम दिया गया है. प्रदेश में पहली बार इतने बड़े स्तर पर नई एक्सप्रेस वे बनाने की घोषणा की गई है.

राजस्थान सरकार ने पिछले माह 2750 किलोमीटर लंबाई के 9 एक्सप्रेस वे बनाने को लेकर ऐलान किया था. घोषणा हो जाने के बाद अब 30 करोड़ की लागत से इन मार्गों की डीपीआर बनाने का काम शुरू हो जाएगा. इसके पश्चात कई सौ करोड़ के खर्चे से इन सड़कों का निर्माण कार्य शुरू होगा. राजस्थान में 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद 20 से ज्यादा जिले आपस में एक्सप्रेस वे के जरिए जुड़ जाएंगे. यह एक्सप्रेस वे जिन जिलों से होकर गुजरेंगे. वहां जमीनों की कीमतें भी बढ़ेगी और लोगों के लिए नए-नए रोजगार भी उत्पन्न होंगे. 

राजस्थान के 9 एक्सप्रेसवे की सूची

राजस्थान के 9 एक्सप्रेसवे लंबाई ( KM)
जयपुर-जाेधपुर-हाई स्पीड काेरिडाेर 350 किलोमीटर
काेटपूतली-किशनगढ़ एक्सप्रेस-वे 181 किलोमीटर
जयपुर-भीलवाड़ा एक्सप्रेस-वे 193 किलोमीटर
बीकानेर-काेटपूतली एक्सप्रेस-वे 295 किलोमीटर
ब्यावर-भरतपुर एक्सप्रेस-वे 342 किलोमीटर
जालाेर-झालावाड़-हल्दीघाटी एक्सप्रेस-वे 402 किलोमीटर
अजमेर-बांसवाड़ा एक्सप्रेस-वे 358 किलोमीटर
जयपुर-फलाैदी थार एक्सप्रेस-वे 345 किलोमीटर
श्रीगंगानगर-काेटपूतली एक्सप्रेस-वे 290 किलोमीटर

13000 किलोमीटर लंबाई की सड़कें

राजस्थान की डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने बजट के दौरान जानकारी दी की अगले 5 सालों के दौरान राज्य में 13000 किलोमीटर लंबाई की सड़कें बनेगी. यातायात को सुगम और सुरक्षित बनाने का लक्ष्य सरकार द्वारा रखा गया है. इन सड़कों को बनाने के लिए लगभग 60 हजार करोड रुपए से ज्यादा खर्च होने की संभावना है. इसके अलावा प्रदेश में सड़कों के रखरखाव और बारिश से हुए कटाव के पेच वर्क के लिए 665 करोड रुपए अलग से खर्च किए जाएंगे. प्रदेश में जिलों को जोड़ने वाली सड़कों के साथ-साथ बाईपास, आरयूबी और फ्लाईओवर निर्माण के लिए 9000 करोड रुपए खर्च होंगे. डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने बताया कि प्रदेश में यातायात को सुगम बनाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है.