Noida के इस हिस्से में नहीं होगी फ्लैटों की रजिस्ट्री, सैकड़ों परिवारों को लगा झटका

प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश से नोएडा और ग्रेटर नोएडा की कई हाउसिंग सोसायटियों में उत्साह का भाव है। दरअसल, सरकार ने सोसायटियों के फ्लैट्स को रजिस्टर करने का तरीका स्पष्ट कर दिया है। लेकिन नोएडा में एक स्थान है जहां लोग अपने फ्लैटों को रजिस्ट्री नहीं करवा पा रहे हैं क्योंकि बिल्डर ने गलती की है।
 

Saral Kisan : उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट की हाल ही में हुई बैठक के बाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कई हाउसिंग सोसायटियों के फ्लैट्स की रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लोगों को खुशी है कि अब वे अपने घरों का मालिक बन सकेंगे और उन्हें रजिस्टर कर सकेंगे। लेकिन आज हम आपको एक समुदाय के बारे में बताएंगे जहां फ्लैट की रजिस्ट्री कई सालों से अटक गई है क्योंकि बिल्डर ने गलती की है। सरकार के नए आदेश के बावजूद, लोगों का मानना है कि उनके फ्लैट्स को अब भी रजिस्टर नहीं किया जा सकेगा।

नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने रियल एस्टेट के रेजीडेंशियल प्रोजेक्ट्स के डेवलपर को दो साल का जीरो पीरियड दिया है। इस निर्णय से लाखों घर मालिकों के अलावा बिल्डर्स को भी राहत मिलेगी। डेवलपर को इस जीरो पीरियड से ब्याज नहीं मिलेगा। ऐसे में, डेवलपर्स के परियोजना में रहने वाले लाखों लोगों के फ्लैटों की रजिस्ट्री का रास्ता खुल गया है जो बकाया नहीं जमा करते हैं। इस निर्णय से कुछ सालों से लंबित फ्लैट्स की रजिस्ट्री अब हो सकेगी।

कमर्शियल परियोजनाओं को छूट नहीं मिलेगी

जहां राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश से नोएडा और ग्रेटर नोएडा की कई हाउसिंग सोसायटियों के सदस्य खुश हैं। वहीं, ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्पोर्ट्स सिटी में स्थित एपेक्स गोल्फ एवेन्यू में रहने वाले लोग अभी भी सरकारी आदेश से मायूस हैं। दरअसल, राज्य सरकार ने जो निर्देश जारी किए हैं

उसमें स्पोर्ट्स सिटी और व्यावसायिक परियोजनाओं को बाहर रखा गया है। वास्तव में स्पोर्ट्स सिटी बनाया गया था ताकि स्पोर्ट्स एक्टिविटी हो सके। लेकिन बिल्डर ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर यहां भी घर सोसायटी बनाया। 750 फ्लैट मालिकों को तो घर मिल गया है। लेकिन स्पोर्ट्स सिटी में एक हाउसिंग सोसायटी होने के कारण उनके घरों की रजिस्ट्री के लिए कोई रास्ता नहीं है।

6 साल का संघर्ष

एपेक्स गोल्फ एवेंन्यु में रहने वाले रोहित मिश्रा बताते हैं कि करीब 750 परिवार इस सोसाइटी में रहते हैं। जो लोगों को घर का पजेशन मिल गया है, लेकिन पांच से छह वर्ष बीत गए हैं, उनके घर की रजिस्ट्री नहीं हो पाई है। वह सड़कों पर प्रदर्शन करता है और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और रेरा के अधिकारियों से लगातार मिलता है। उसके बाद भी कोई उनकी सुनवाई नहीं करता।

स्पोर्ट्स सिटी को कोई फायदा नहीं मिलेगा

पुरोहित मिश्रा कहते हैं कि सरकारी निर्देशों में स्पोर्ट्स सिटी नहीं है। ऐसे में वह बहुत चिंतित है कि आखिर उन्हें अपना फ्लैट कब मिलेगा। हमने स्पोर्ट्स सिटी के परियोजना एपेक्स गोल्फ एवेंन्यु के बायर्स की रजिस्ट्री से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन बिल्डर संदीप बत्रा के मैनेजर राजीव शर्मा ने फोन पर कोई जवाब नहीं दिया और न ही उनसे बातचीत की।

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