खेत में रात में आती थी अजीबोगरीब आवाज, खोजने जुट गया पूरा गांव, फिर जो मिला हैरान क़र देगा

Kannur News : केरल में कन्नूर जिले के एक गाँव में खेत से आ रही दिन-रात अजीब सी आवाजों ने लोगों को भयभीत कर दिया। जब सभी लोग खेत में उस आवाज के पास गए तो वहां पर उन्होंने एक विशाल किंग कोबरा सांप को देखा, जिसे देख सभी लोग डर गए। लेकिन उस स्थान पर वन विभाग को जो मिला उससे सभी गांव वाले डर गए। उस स्थान पर किंग कोबरा के अंडे पड़े थे।
 

King Cobra Hatching : केरल में कन्नूर जिले के एक गाँव में खेत से आ रही दिन-रात अजीब सी आवाजों ने लोगों को भयभीत कर दिया। जब सभी लोग खेत में उस आवाज के पास गए तो वहां पर उन्होंने एक विशाल किंग कोबरा सांप को देखा, जिसे देख सभी लोग डर गए। उन लोगों ने वन विभाग को फोन करके किंग कोबरा के बारे में सुचना दी। सुचना मिलने पर वन विभाग मौके पर पहुंचा, तो वहां की हलचल से कोबरा अचानक कहीं गायब हो गया। लेकिन उस स्थान पर वन विभाग को जो मिला उससे सभी गांव वाले डर गए। उस स्थान पर किंग कोबरा के अंडे पड़े थे।

कोबरा के अंडे देखकर, डरे गाँव वाले

खेत में पड़े इन अंडों को देखकर गांव वाले समझ गए कि किंग कोबरा फिर से उस खेत में आ सकता है। इसीलिए गांव वालों ने उन अंडों को वहां से हटाने की मांग की। जिसके पश्चात वन विभाग ने इसका निष्कर्ष निकाला। उन्होंने वन्य जीव संरक्षण संगठन-मालाबार जागरूकता और वन्यजीव बचाव केंद्र (MARC) के एक जागरूक सदस्य शाजी बेक्कलम से इन अंडों को लेकर उनसे मदद मांगी। लेकिन उन्होंने किंग कोबरा के इन अंडों को अपने घर में रखने ही नहीं बल्कि इन बच्चों को पैदा करने के लिए भी राजी हो गए। इसके बाद उन्होंने अपने गांव के घर में कोबरा के अंडों के लिए कृत्रिम घर को बनाया और वहां उन अंडों से 16 किंग कोबरा के बच्चे पैदा हुए।

पुराने मछली टैंक का इस्तेमाल

किंग कोबरा के अंडों से बच्चे को बाहर निकालने के लिए पूरे प्रकृतिक हालत बनाए गए थे। जिसके लिए पुराना मछली का टैंक उपयोग में लिया गया। शाजी ने बताया कि यह पहली बार हुआ हैं, जब केरल में कृत्रिम इंक्यूबेटर में किंग कोबरा के अंडों से बच्चे पैदा किए गए हैं। शाजी पिछले 13 सालों से वन जीव संरक्षण की गतिविधियों में लगे हुए हैं। मगर उन्होंने कभी किंग कोबरा के अंडों को सेने का प्रयास नहीं किया। शाजी ने बताया कि उन्होंने पहले अजगर, ओरिएंटल रैट स्नेक आदि के अंडों से बच्चों को बाहर निकाला है।

हफ्ते के अंदर छोड़ा जाएगा, सांपों को जंगल में

उन्होंने यह भी बताया कि उनका परिवार इस बार डर गया था, क्योंकि ये अंडे एक जहरीले सांप के थे बाद में उन्होंने स्थिति के अनुसार खुद को ढाला और वह मेरी अनुपस्थिति में हैकिंग की प्रगति की निगरानी करते थे। शाजी के सामने सबसे बड़ी चुनौती कृत्रिम सेटिंग में तापमान और आद्रता को बनाए रखना था सांप के अंडों को 24 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान को अधिकतम आद्रता की जरूरत होती है एंड 20 अप्रैल को पाए गए थे और सांप के अंडों से बच्चे निकालने में आमतौर पर 90 से 110 दिन लगते हैं