खेत में सांप काटने से हुई मौत, तो यह राज्य सरकार देगी 4 लाख

किसानों को खेती करते समय कई चुनौतियों से गुजरना पड़ता है। इन्हीं में से एक है सर्पदंश। किसानों की खेतों में काम करते समय सर्पदंश से मौत होती है। ऐसी स्थिति में, उत्तर प्रदेश सरकार सांप के काटने से मरने वाले व्यक्ति को चार लाख रुपये का मुआवजा दे रही है।
 

Saral Kisan - किसानों को खेती करते समय कई चुनौतियों से गुजरना पड़ता है। इन्हीं में से एक है सर्पदंश। किसानों की खेतों में काम करते समय सर्पदंश से मौत होती है। ऐसी स्थिति में, उत्तर प्रदेश सरकार सांप के काटने से मरने वाले व्यक्ति को चार लाख रुपये का मुआवजा दे रही है। सांप काटने को भी राष्ट्रीय आपदा घोषित किया गया है।

इन वर्षों में सर्पदंश से इतनी मौतें हुईं

गांव कस्बों में सांप काटने से 97 प्रतिशत मौतें हुई हैं। पुरुषों की मौत  महिलाओं के मुकाबले सांपों के काटने से ज्‍यादा हुई है. पुरुष किसानों का खेतों में काम करना भी इसकी एक वजह है। 2020–2021 में 27 मौतें हुईं, 2022–2022 में 85 मौतें हुईं, 2022–2023 में 65 मौतें हुईं और 2019–2020 की शुरुआत में ही 34 मौतें हुईं।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट अनिवार्य है

लखनऊ के सीएमओ मनोज अग्रवाल ने कहा कि पीड़ित की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सबसे महत्वपूर्ण है। पीड़ित परिवार को मदद का धन इसी के आधार पर मिलता है। ऐसे में, सांप के कांटने से मरने वाले व्यक्ति के परिजनों को पीड़ित का पोस् टमॉर्टम करना चाहिए जरूरी भी हैं।

पहले इस प्रक्रिया को अपनाना होगा

मुआवजा पाने के लिए परिवार को बस दो काम करने होते हैं, फिर प्रशासन पूरी बात करता है। पहली बात है कि सर्पदंश से मरने वाले व्यक्ति के परिजन तुरंत लेखपाल को इसकी सूचना दें। तब पीड़ित को पोस्टमार्टम के लिए ले जाएँ और सर्पदंश से मौत की रिपोर्ट लेखपाल को दें। बाद में, लेखपाल, कानूनगो, तहसीलदार और एडीएम अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपते हैं।

किसानों को आपदा राहत कोष से धन मिलेगा

जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंपने के बाद लेखपाल घटनास्थल पर जाकर पीड़ित परिवार से आधार कार्ड, अकाउंट नंबर और अन्य कागजात लेता है। एसडीएम से अनुमति मिलने पर एडीएम फाइनेंस पास आता है और पीड़ित परिवार को तुरंत चार लाख रुपये जिले के आपदा राहत कोष से मिलते हैं।

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