Tenant's Rights : मकान मालिक को घर खाली करवाने से पहले देना होगा नोटिस, बिना इजाजत नहीं मिलेगी एंट्री 

Tenant: आपने सही जानकारी दी है कि किराएदारों के अधिकारों को समझना महत्वपूर्ण है, खासकर जब वे किराये पर रहते हैं और मकान मालिकों के साथ विवाद उत्पन्न होते हैं।
 

Tenant: आपने सही जानकारी दी है कि किराएदारों के अधिकारों को समझना महत्वपूर्ण है, खासकर जब वे किराये पर रहते हैं और मकान मालिकों के साथ विवाद उत्पन्न होते हैं। यहां कुछ और जानकारी दी जा रही है:

रेंट एग्रीमेंट (किराये का समझौता)

रेंट एग्रीमेंट एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है जो किराये पर रहने वाले और मकान मालिक के बीच में समझौता दर्शाता है। यह एक सख्त नियम होता है जिसमें किराये की रकम, किराएदारों और मकान मालिक के अधिकार, और अन्य महत्वपूर्ण शर्तें और शर्तें शामिल होती हैं। एग्रीमेंट की छवि इसे मकान मालिक और किरायेदार दोनों के लिए स्पष्ट बनाती है और समझौता टूटने पर कानूनी रूप से बचाव प्रदान करता है।

नोटिस की जरूरत

मकान मालिक किराये के अचानक बढ़ाने या किराएदार को घर खाली करने के लिए तुरंत कह नहीं सकते हैं। किराएदार को किसी भी कानूनी नोटिस के माध्यम से दिनांक की सूचना देना होता है। इसमें सामय की सुचना और प्रक्रिया का सही अनुसरण करना चाहिए।

अन्य महत्वपूर्ण अधिकार

बिजली और पानी के साथ समझौता: किराएदार का अधिकार होता है कि उन्हें मकान में बिजली और पानी के साथ समझौता मिले। उन्हें इसके लिए अत्यधिक शुल्क नहीं देना होता है।

अनवांछित एंट्री से बचाव: मकान मालिक को किरायेदार के अनवांछित एंट्री के लिए पहले से नोटिस देना होता है, जबकि इसे किरायेदार की अनुमति के साथ करना होता है।

बिना सहमति के किराया बढ़ाने का प्रतिबंध: मकान मालिक किराया बिना किरायेदार की सहमति के बढ़ाने का अधिकार नहीं रखते हैं। वे इसे किरायेदार की सहमति के साथ ही कर सकते हैं।

किराएदारों को अपने अधिकारों के बारे में जागरूक रहना महत्वपूर्ण होता है ताकि वे खुद को सुरक्षित रख सकें और किराया पर रहते समय नियमों का पालन कर सकें।

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