MP के इस रिंग रोड का सर्वे हुआ पूरा, करीब एक हजार करोड़ की आएगी लागत
Saral Kisan : इंदौर में बढ़ते यातायात के दबाव को कम करने के लिए रिंग रोड का निर्माण किया जा रहा है। पश्चिमी रिंग रोड का सर्वे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने पूरा कर दिया है, जिसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी गई है। मुख्यालय गांवों और जमीन के खसरा संख्या को प्रकाशित करना चाहिए। करीब एक हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली सड़क का टेंडर भी शुरू हो गया है।
NHAI ने 140 किमी पश्चिमी रिंग रोड का सर्वे पूरा लर लिया है। ड्रोन सर्वे के माध्यम से सड़क से जुड़े सभी गांवों की जांच पूरी हो चुकी है। इसके आधार पर दिल्ली मुख्यालय को जमीन के खसरा नंबर प्रकाशन के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। जनवरी के पहले सप्ताह में नोटिफिकेशन शायद जारी होगा। गौरतलब है कि एचएचएआइ ने पिछले तीन महीने में ड्रोन सर्वे करके जमीन की भौतिक स्थिति की रिपोर्ट बनाई थी. इस रिपोर्ट के आधार पर अगली अधिसूचना जारी की जाएगी।
64 किमी में बनाया जाएगा
पश्चिमी रिंग रोड को अभी 64 किमी में बनाया जा सकता है, हालांकि इसका निर्माण 140 किमी में होना चाहिए था। यह छह लेन राजमार्ग शिप्रा से शुरू होकर पीथमपुर के पास नेट्रेक्स तक चलेगा। 39 गांवों की लगभग 650 हेक्टेयर जमीन इसके लिए आवश्यक होगी। किसानों को जमीन देने के लिए मुआवजा देना चाहिए।
किसानों ने पश्चिमी रिंग रोड के लिए उनकी जमीन को अधिग्रहण करने का विरोध किया है। किसानों के विरोध के कारण एनएचएआइ ने अब तक कई क्षेत्रों में पत्थर लगाने का काम पूरा नहीं कर पाया है। किसान जगह-जगह मिलकर जमीन लेने के लिए दूसरे किसानों से मिल रहे हैं।
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