ट्रेनों की स्पीड में आएगी गजब की तेजी, कोडरमा - गया रूट में होगा ये बदलाव

इस प्रणाली के लागू होने के बाद ट्रेनों को लंबे समय तक स्टेशनों पर खड़ा नहीं होना पड़ेगा। इससे पहले ट्रेन को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन पर पहुंचने के लिए 12 मिनट का समय लगता था
 

Koderma News : हावड़ा से नई दिल्ली रूट पर चलने वाली ट्रेनों की स्पीड को 160 किलोमीटर तक करने की दिशा में तैयारी जोरों पर चल रही है। भारतीय रेलवे ने इस योजना के तहत अब कोडरमा गया रेल खंड के टनकुप्पा, पहाड़पुर और गुरपा रेलखंड में 118 साल पुरानी लीवर प्रणाली को चेंज करने वाला है। इस प्रणाली को बदलकर ऑटोमेटिक ब्लॉक सिगनलिंग सिस्टम लगाया जा रहा है।

इस प्रणाली के लागू होने के बाद ट्रेनों को लंबे समय तक स्टेशनों पर खड़ा नहीं होना पड़ेगा। इससे पहले ट्रेन को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन पर पहुंचने के लिए 12 मिनट का समय लगता था, जो ऑटोमेटिक ब्लॉक सिगनलिंग सिस्टम शुरू होने के बाद काफी आसान हो जाएगा। एक ट्रेन निकलने के बाद दूसरी ट्रेन को ऑटोमेटिक ग्रीन सिग्नल मिल जाएगा।

202 करोड़ की आएगी लागत

रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि धनबाद मंडल में 25 किलोमीटर लंबे टनकुप्पा, पहाड़पुर और गुरपा रेलखंड पर ऑटोमेटिक ब्लॉक सिगनलिंग सिस्टम का कार्य किया जा रहा है। प्रधानखटा से मानपुर तक 204 किलोमीटर रेलवे प्रोजेक्ट का एक भाग है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में करीबन 202 करोड़ की लागत आएगी। अभी परंपरागत एब्सलूट ब्लॉक सिस्टम चलाया जा रहा था। इस सिस्टम से ट्रेन को अगले स्टेशन पर पहुंचने के बाद पिछली ट्रेन से ग्रीन सिग्नल मिलता है। जिससे खाली पड़ी रेल लाइनों का पूरा उपयोग नहीं हो पाता है।

अब आगे पीछे चल सकेंगी ट्रेनें

ऑटोमेटिक ब्लॉक सिगनलिंग सिस्टम के मुताबिक दो स्टेशनों के बीच करीबन 1 किलोमीटर दूरी पर सिग्नल लगाए जाएंगे। इन्ही सिग्नल के सहारे ट्रेन में एक दूसरे के पीछे चल सकेंगी। इसी बीच अगर सिग्नल में कोई दिक्कत आती है तो पीछे चल रही ट्रेन को सूचना मिल जाएगी। जो ट्रेन जहां रहेगी वहीं रुक जाएगी। इस सिग्नल के शुरू होने के बाद ट्रेनों की रफ्तार के साथ-साथ संख्या भी बढ़ जाएगी। अभी के समय में ट्रेन को करीबन 12 मिनट का इंतजार करना पड़ता है। इस तकनीक के शुरू होते ही ट्रेनों को आसानी से ग्रीन सिग्नल मिलेगा और ब्लॉक सिग्नल सिस्टम से एक दूसरे के पीछे चल सकेंगी।