बुलेट ट्रेन से भी 3 गुणा तेज स्पीड, एरोप्लेन भी रह जाता इससे पीछे, जानें इस ट्रेन की खासियत
Saral Kisan : पब्लिक ट्रांसपोर्ट ( public transport ) के लिहाज से दुनिया में सबसे तेज रफ्तार हवाई जहाज की होती है. लेकिन, अब यह दिन लदने वाले हैं क्योंकि एक खास ट्रेन स्पीड ( train speed ) के मामले में एरोप्लेन को मात देने की तैयारी में है.
जल्द ही दुनिया को एक ऐसी ट्रेन मिलने वाली है जिसकी रफ्तार 1000 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगी. दरअसल हवाई जहाज की औसत स्पीड 700-900 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती है. ऐसे में यह नई ट्रेन रफ्तार के मामले में प्लेन को पीछे छोड़ देगी.
यह हाई स्पीड ट्रेन अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस या जर्मनी में नहीं बल्कि भारत के पड़ोसी देश में तैयार हो गई है. चीन ने अल्ट्रा हाई स्पीड ट्रेन बना ली है. यह दुनिया का पहला एक्पेरिमेंटल अल्ट्रा हाई स्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट है, जिसमें ट्रेन मैगलेव लाइन पर चलेगी.
चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जनवरी में 210 मीटर के टेस्ट रूट पर इस अल्ट्रा हाई स्पीड ट्रेन की टेस्टिंग सफल रही थी. इस सफल परीक्षण के बाद चाइनीज इंजीनियर्स ने उम्मीद जताई थी कि आने वाले समय में यह ट्रेन ज़मीन पर ऐसी दौड़ेगी कि आसमान में उड़ने वाले प्लेन को पीछे छोड़ देगी.
आपके मन में यह सवाल होगा कि आखिर ये ट्रेन इतनी स्पीड से कैसे दोड़ेगी? आपको बता दें कि मैगलेव लाइन का मतलब है मैग्नेटिक लेविटेशन लाइन, जिसमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स का इस्तेमाल करके ट्रेन्स को आगे बढ़ने के लिए पुश करते हैं.
खास बात है कि मैगलेव लाइन के लिए एक ट्रांसपोर्टेशन ट्यूब बनाया गया है. इस सेमी वैक्यूम ट्यूब के अंदर ट्रेन 1000 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पकड़ पाएगी. बता दें कि हाई स्पीड ट्रेनों के मामले में चीन दुनिया में अव्वल है. जर्मनी और फ्रांस भी अपनी हाई स्पीड ट्रेन के लिए चर्चा में रहते हैं. जर्मनी की ICE 3 या इंटरसिटी-एक्सप्रेस 3, दुनिया की तीसरी सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन है. वहीं, फ्रांस की ग्रांडे विटेस ट्रेन, या टीजीवी भी एक हाई स्पीड रेल है.
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