Sneezing: छींकते समय अक्सर लोग की आँखें क्यों हो जाती हैं बंद, जाने वजह
शरीर अक्सर छींकता भी है। जब हमें छींक आती है, शरीर के कई सारे अंग एक्टिव भी हो जाते हैं। ट्राइजेमिनल नामक तंत्रिका विशिष्ट रूप से छींकती भी है। इस तंत्रिका हमारी नाक, मुंह और आँखों को नियंत्रित करता है।
Sneezing: हम अक्सर छींकते हैं और आँखें बंद भी हो जाती हैं। जब एक छींक आती है, आँखें खुद ही बंद होने लगती हैं और पलकें भी। क्या आप जानते हैं कि छींक आने पर आँखें बंद होने का क्या वजह हैं? आखिर हमें गुस्सा क्यों आता है? हम छींक आने के फायदे क्या हैं, इसके बारे में आपको इस लेख में बताएंगे -
शरीर अक्सर छींकता भी है। जब हमें छींक आती है, शरीर के कई सारे अंग एक्टिव भी हो जाते हैं। ट्राइजेमिनल नामक तंत्रिका विशिष्ट रूप से छींकती भी है। इस तंत्रिका हमारी नाक, मुंह और आँखों को नियंत्रित करता है। इसलिए छींकने के दौरान इन तीनों अंगों पर दबाव पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप चलते-चलते आँखें भी बंद हो जाती हैं।
छींक आने की वजह -
हमें सामान्य रूप से दिन में एक-दो बार छींक आती है, लेकिन सर्दी-जुकाम होने पर बार-बार छींक आती है। हमारी नाक के अंदर एक झिल्ली है। यह म्यूकस भी है। यह झिल्ली बहुत संवेदनशील भी है। इस झिल्ली का उद्देश्य दिमाग को सांस के माध्यम नाक में आने वाले बाहरी कणों या संवेदनशील गंधों को महसूस करना है। तब हमारे फेफड़े इस प्रक्रिया में शामिल होकर छींक देते हैं। नाक से अनावश्यक कण छींकने से बाहर निकलते हैं।
छींक को रोकने की न करें कोशिश-
अक्सर लोग पब्लिक प्लेस या ऑफिस जैसी जगह पर होने के दौरान छींक को रोकने की बहुत ज्यादा कोशिश भी करते हैं. यह आपकी सेहत लिए बहुत ज्यादा घातक भी हो सकता है. आपको बता दे की छींक को नियंत्रित न करके रुमाल को अपने मुंह और नाक से लगाकर छींक लेना भी चाहिए. ऐसा करने से आपके गले और नाक में मौजूद सभी अनावश्यक कण भी बाहर भी निकल जाते हैं. एक प्रकार से नाक, गले की सफाई भी हो जाती है.
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