NCR में इस इलाके के लोगों को झटका, अभी नहीं चलेगी मेट्रो, सरकार ने PMO को सुझाया नया रूट
Saral Kisan : ग्रेटर नोएडा वेस्ट (Greater Noida West) के लाखों निवासियों के लिए एक बड़ा झटका है. सार्वजनिक परिवहन सुविधा की सख्त जरूरत के बीच मेट्रो का इंतजार (waiting for metro) कर रहे नोएडा एक्सटेंशन (Noida Extension) यानि ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों को अभी मेट्रो के लिए और लंबा इंतजार करना पड़ सकता है. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो (Greater Noida West Metro) के वर्तमान प्रस्ताव को इस आधार पर खारिज कर दिया है कि यह दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन (Delhi Metro Blue Line)के सेक्टर 51 स्टेशन और प्रस्तावित 14.9 किमी लिंक के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी की गारंटी नहीं देता है. पीएमओ ने एक नए रूट को सुझाने की सलाह दी है. ऐसे में अभी यहां लोगों को अपने निजी वाहनों, ऑटो-रिक्शा या निजी टैक्सियों पर ही निर्भर रहना पड़ेगा.
रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने इस आधार पर प्रस्ताव को खारिज कर दिया है कि यह लिंक दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन के सेक्टर 51 स्टेशन और प्रस्तावित 14.9 किमी लिंक के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी की गारंटी नहीं देता है, जोकि एक्वा लाइन के सेक्टर 51 मेट्रो स्टेशन से 300 मीटर दूर शुरू होना था.
रिपोर्ट के अनुसार, नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने पीएमओ को सूचित किया था कि वह एक्वा लाइन के सेक्टर 51 मेट्रो स्टेशन और दिल्ली मेट्रो के सेक्टर 51 मेट्रो स्टेशन को एलिवेटर के जरिए जोड़ेगा ताकि यात्रियों को दोनों स्टेशनों के बीच 300 की दूरी तय न करनी पड़े. अधिकारियों ने बताया कि लेकिन पीएमओ इस पर सहमत नहीं हुआ और प्रस्ताव खारिज कर दिया.
पीएमओ ने यह भी सुझाव दिया है कि इस नए मेट्रो लिंक को एक्वा लाइन के सेक्टर 51 मेट्रो स्टेशन की बजाय ब्लू लाइन के सेक्टर 61 मेट्रो स्टेशन से शुरू किया जाना चाहिए, जिससे नोएडा प्राधिकरण को ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लिए एक नया मार्ग तलाशा जा सके.
नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी लोकेश एम ने कहा, “हमने उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बीच एक नए मेट्रो मार्ग की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए उनकी हरी झंडी मांगी है. राज्य सरकार द्वारा जो भी निर्देश दिया जाएगा, हम उसका पालन करेंगे.”
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत सार्वजनिक निवेश बोर्ड (पीआईबी) ने नवंबर 2022 में 14.9 किमी लंबी मेट्रो लिंक परियोजना के लिए ₹2,197 करोड़ की मंजूरी दी थी. प्रक्रिया के मुताबिक, पीआईबी की मंजूरी के बाद मेट्रो प्रोजेक्ट को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने से पहले पीएमओ से मंजूरी मिलनी थी. कैबिनेट की मंजूरी के बाद नोएडा प्राधिकरण को निर्माण कार्य शुरू करने के लिए ठेकेदारों को शामिल करना था. लेकिन अब जब पीएमओ ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया और सुझाव दिया कि प्राधिकरण एक नए मार्ग पर विचार करे, तो वह नए मार्ग की डीपीआर तैयार करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की मंजूरी मांग रहा है.
पीएमओ ने सुझाव दिया है कि नया मार्ग ब्लू लाइन के सेक्टर 61 स्टेशन से शुरू हो सकता है और नोएडा के सेक्टर 71, 72, गढ़ी चौखंडी गांव और पर्थला पुल के माध्यम से ग्रेटर नोएडा वेस्ट तक पहुंच सकता है. इससे पहले, यह मार्ग एक्वा लाइन के सेक्टर 51 मेट्रो स्टेशन से शुरू होने के बाद नोएडा-ग्रेटर नोएडा वेस्ट लिंक रोड के समानांतर चल रहा था.
नोएडा प्राधिकरण के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि “अब राज्य सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन और नोएडा प्राधिकरण एक बार फिर डीपीआर तैयार करेंगे. एक बार डीपीआर बन जाने के बाद इसे केंद्र सरकार और पीआईबी को मंजूरी के लिए भेजे जाने से पहले राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित किया जाएगा. इसे एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना होगा और इसमें लंबा समय लग सकता है.”
ग्रेटर नोएडा वेस्ट एंटरप्रेन्योर एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक रमन ने कहा, ‘पिछले आठ सालों से ग्रेटर नोएडा वेस्ट तक मेट्रो कागजों पर ही चल रही है. हमें उम्मीद थी कि केंद्रीय कैबिनेट इसे मंजूरी देगी और काम शुरू हो जायेगा. लेकिन अब ऐसा लगता है कि इस प्रस्ताव को मंजूरी पाने के लिए कई वर्षों की लंबी प्रक्रिया से गुजरना होगा. राज्य और केंद्र सरकार को ग्रेटर नोएडा वेस्ट तक मेट्रो के काम में तेजी लाने के लिए कुछ करना चाहिए.