उत्तर प्रदेश में बीज व खाद फेल, लेकिन दूसरों राज्यों में पास, जाने क्या हैं माजरा
UP News -आपको बता दें कि कृषि विभाग की ओर से भेजे गए खाद और बीज के नमूनों को उत्तर प्रदेश की लैबों ने फेल कर दिया है, वे दूसरे राज्यों की लैबों में जाकर पास हो जाते हैं। विभाग ने 235 नमूनों को जांच के लिए भेजा था। यूपी लैब ने 223 को पास किया, 12 फेल हुए। नीचे खबर में पूरा खेल जानें।
UP News - कृषि विभाग की ओर से भेजे गए खाद और बीज के नमूनों को उत्तर प्रदेश की लैबों ने फेल कर दिया है, वे दूसरे राज्यों की लैबों में जाकर पास हो रहे हैं। मार्च 2022 से मार्च 2023 तक विभाग ने खाद के 235 नमूने जांच के लिए भेजे थे। 223 में से यूपी लैब ने पास किया, 12 फेल हुए। इसमें चार दुकानदारों ने भी जांच पर सवाल उठाया और निदेशालय में अपील की। नमूनों को दो अलग-अलग राज्यों में जांच के लिए भेजा गया। जहां से एक गुजर गया और दुकानदार का लाइसेंस बच गया। दूसरे भी होंगे।
शासन प्रत्येक वर्ष मार्च में खाद और बीज की दुकानों का निरीक्षण कर गुणवत्ता की जांच करने का लक्ष्य कृषि विभाग को देता है। साथ ही, इसका दूसरा लक्ष्य यह है कि वह खाद और बीज की शुद्धता में गड़बड़ी हुई दुकानों से नमूना लेकर जांच के लिए लैब को भेजे। कृषि विभाग ने पिछले वर्ष लक्ष्य के सापेक्ष 800 दुकानों से 235 खाद और बीज के नमूने लिए।
इसमें बीज के कुछ नमूनों की जांच की रिपोर्ट आनी है। शेष को सही बताया गया। वहीं खाद में 12 दुकानों के नमूनों को फेल बताया गया। इस पर कृषि विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए चार का लाइसेंस निरस्त कर दिया। दो दुकानदारों ने निदेशालय में अपील कर दी। एक ट्रायल पर चल रहे दुकान को लाइसेंस ही नहीं दिया गया। शेष पांच गोदाम जो लाइसेंस पाने के लिए टेस्टिंग पर चला रहे थे। उन्हें जांच के समय ही सील कर दिया गया था।
नमूनों की जांच के लिए यूपी में चार लैब-
प्रदेश भर में खाद और बीज के नमूनों की जांच के लिए उत्तर प्रदेश में चार लैब हैं। इसमें दो लखनऊ में, एक वाराणसी में और एक मेरठ में। प्रदेश भर के नमूने इन्हीं लैब में भेजे जाते है। जांच के बाद लैब से जिलेवार रिपोर्ट भेज दी जाती है। विभागीय सूत्रों की माने तो अधिकतर नमूने जांच के बाद पास कर दिए जाते हैं। जिन्हें फेल किया जाता है वह दूसरे राज्यों के लैब से पास हो जाते हैं।
निदेशालय में अपील करने पर भेजा जाता दूसरे राज्य-
कृषि विभाग के अनुसार यूपी के लैब में जिन नमूनों को फेल कर दिया जाता है। इसके बाद दुकानदार लैब के दावों के विरुद्ध निदेशायल में अपील कर सकता है। जहां से नमूनों की दोबारा जांच के लिए दूसरे राज्य में भेजे जाने की संस्तुति की जाती है। इस नियमावली के तहत अधिकतर दुकानदार अपील कर अपने दुकान का लाइसेंस बचा ले जाते हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी-
हर वर्ष खाद और बीज की दुकानों का निरीक्षण कर नमूने लेकर जांच के लिए चारों लैब में भेजा जाता हैर टेस्टिंग पर चल रहे थे। उन्हें लाइसेंस नहीं मिला। चार का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। दो दुकानदारों ने नियमानुसार निदेशालय में अपील की थी।। पास या फेल जैसी रिपोर्ट लैब से आती है, उसके आधार पर दुकानों का लाइसेंस निरस्त किया जाता है। इस बार 235 खाद के नमूने भेजे गये थे। इसमें से 12 फेल हुए थे।
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