कोटा में दोस्त के सुसाइड अटेम्प्ट से डरे इंजीनियर ने बनाई एक ऐसी चीज, जो बचाएगी जान

Kota: जब आप दूसरे का दर्द समझने की भावना रखते हैं, तो कोई कठिनाई आपको रोक नहीं सकती। कोटा में एक इंजीनियर ने ऐसा ही उपकरण बनाया है जो सुसाइड को रोक सकता है। बूंदी जिले के बालापुरा गांव में रहने वाले 25 वर्षीय सिस्टम इंजीनियर देवराज मोरजाल ने कोटा प्रशासन के साथ मिलकर कोटा को सुसाइड फ्री सिटी बनाने के लिए एक उपकरण बनाया है। 

 

Rajasthan News: कोटा में हो रहे सुसाइड ने हर किसी को परेशान कर दिया है। एक इंजीनियर ने इस दर्द को महसूस करके एक सेंसर बनाया है जो इन घटनाओं को रोकेगा। सुसाइड को रोकने के लिए देवराज का wibs सेंसर सुसाइड होने से पहले ही हूटर सायरन बजा देगा। जैसे ही वार्डन हॉस्टल संचालक को कॉल करेगा, रूम नंबर भी नीचे लगे डिस्प्ले में दिखाई देगा। 

जब आप दूसरे का दर्द समझने की भावना रखते हैं, तो कोई कठिनाई आपको रोक नहीं सकती। कोटा में एक इंजीनियर ने ऐसा ही उपकरण बनाया है जो सुसाइड को रोक सकता है। बूंदी जिले के बालापुरा गांव में रहने वाले 25 वर्षीय सिस्टम इंजीनियर देवराज मोरजाल ने कोटा प्रशासन के साथ मिलकर कोटा को सुसाइड फ्री सिटी बनाने के लिए एक उपकरण बनाया है। 

क्योंकि ये उपकरण कोटा बनाया गया था, ज्यादातर विद्यार्थियों ने पंखे से फंदा लगाकर सुसाइड किया था। यही कारण है कि पंखे से बच्चे सुसाइड नहीं कर सकते, इसलिए उन्होंने इसे एक बेहतर विकल्प चुना है। उन्होंने एक सस्ता डिवाइस बनाया जो आत्महत्या से पहले ही सूचना देगा। 

सायरन देवराज मोरजाल ने बताया कि मेरे दोस्त हर्षित कुमार ने आत्महत्या करने की कोशिश की तो मेरे मन में यह उपकरण बनाने का विचार आया। उसने मुझे बताया कि वे फोन पर हर दिन कोटा में हो रहे सुसाइड पर चर्चा कर रहे थे। Wibs सेंसर बनाने का विचार तब आया। मैं अपने साथी के साथ कोटा कलेक्टर से मुलाकात करने गया। कलेक्टर साहब ने भी उनके विचार को सराहा। उन्हें लगता था कि आप अच्छी तरह से काम कर रहे हैं, और उन्होंने कहा कि कल एक मीटिंग में आओ और सभी कोचिंग संस्थान के सामने अपना आईडी पेश करो, फिर हम चले गए। उसके बाद वह एडिशनल एसपी चन्द्रशील के कार्यालय गया, जहां उन्होंने उसे बताया और उन्होंने भी उसे उत्साहित किया। 

Wibs कैसे काम करेगा? सेंसर देवराज बताते हैं कि ये पंखे की रॉड में लगा एक मेगनेटिज्म उपकरण है, जिससे निकलने वाली किरणों पर कोई ऑब्जेक्ट आता है तो कमांड देता है। जब कोई फांसी का फंदा लगाने की कोशिश करता है, पंखा पहले तेजी से घूमने लगता है ताकि कोई कुछ उसमें बांध न पाए। यदि वे पंखा रोकने की कोशिश करते हैं तो नीचे फ्लोर पर हूटर सायरन बजेगा। इसके अलावा, कमरे के नंबरों को नीचे लगे एलईडी डिस्प्ले में दिखाया जाएगा। इस डिवाइस में एक सिम नेटवर्क भी लगाया गया है, जो फीड किए गए नंबरों, जैसे संचालक या वार्डन, को तुरंत प्रभाव से कॉल करने की क्षमता प्रदान करता है। सारा सिस्टम इसमें कमांड के अनुसार काम करता है। 

देवराज मोरजंल ने कहा कि हमारी टीम डॉक्टरों की मदद से ऐसे सॉफ्टवेयर बनाएगी जो डिप्रेशन बिहेवियर को पकड़ने में मदद करेंगे अगर सरकार आगे मदद करेगी। यह सॉफ्टवेयर मशीन इंस्टीट्यूट के गेट और हॉस्टल गेट के अलावा मेस में भी दिख सकता है। ये रेड सिग्नल देंगे ताकि कोचिंग टीम और हॉस्टल प्रशासन बच्चों को देख सकें अगर वे परेशान दिखते हैं। ये ग्रीन संकेत देंगे अगर विद्यार्थी स्वस्थ होगा।

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