Income Tax छापे में बरामद हुए 350 करोड़ रुपये, देखिए बैंक या सरकार किसका होगा इस पर अधिकार

Dheeraj Sahu news : इनकम टैक्स विभाग ने कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर छापेमारी की है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इनकम टैक्स विभाग को 176 बैगों में नकदी मिली है। सांसदों के ठिकानों से विभाग को इतना धन मिला है कि गिनने की मशीन भी कम हो गई है। देखें पूरा मामला-
 

Saral Kisan : कांग्रेस सांसद धीरज साहू के "कैशलोक" से इतना पैसा निकला की कहानी इतिहास बन गई: 176 बैग कैश, 40 नोट गिनने वाली मशीनें, 80 कर्मचारी तीन बैंकों में, दर्जनों सुरक्षाकर्मी और पांच दिन का समय।

हाँ..। आज तक एक ऑपरेशन में एक साथ इतने पैसे नहीं मिले थे। साहू ने रविवार की रात नोटों की गिनती करते हुए 353 करोड़ रुपए का 'कैश का पहाड़' बनाया। ऐसे में सभी लोगों के मन में एक सवाल उठता है कि इन पैसों का अब क्या होगा? जब्ती के बाद इनकम टैक्स विभाग क्या करेगा?

पहली बार क्या होता है?

6 दिसंबर को आयकर विभाग ने धीरज साहू से जुड़े अनेक स्थानों पर छापेमारी शुरू की थी। इसे तीन राज्यों में मार डाला गया था। रेड के बाद अलमारियों की तस्वीरें सामने आईं तो लोग दंग रह गए; साहू ने इसे 'कुबेर का खजाना' कहा था।

ध्यान दें कि ईडी और सीबीआई भी रेड कर रहे हैं। दरअसल, जब किसी एजेंसी को पैसे मिलते हैं, आरोपी से पहले पूछा जाता है कि पैसे कहां से आए? यदि आरोपी इसका जवाब नहीं देते हैं, तो संस्था इस धन को जब्त कर लेती है।

फिर राज्य बैंक ऑफ इंडिया का प्रवेश

जब्त की गई नकदी की सूचना नजदीकी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) को भेजी जाती है। वहाँ से कर्मचारी बुलाया जाता है। बैंक फिर नोटों की गिनती करता है। धीरज साहू के मामले में तीन बैंक कर्मचारियों को बुलाया गया था। नोटों की गिनती करने में पांच दिन लगे। बैंक नोटों की गिनती करते हैं और उनका बंडल बनाते हैं।

फिर धन कहां जाता?

नोटों की गिनती पूरी होने पर पैसे बक्सों में रखे जाते हैं। सुरक्षित रहने के लिए वे सील कर दिए जाते हैं। और उन्हें राज्य बैंक ऑफ इंडिया में भेजा जाता है। एजेंसी का धन बैंक में जमा होता है।

धीरज साहू के मामले में इनकम टैक्स विभाग के पर्सनल डिपॉजिट खाते में 353 करोड़ रुपए डाले जाएंगे। इसके बाद धन सरकारी खजाने में भेजा जाता है। लेकिन सरकार अभी इन पैसों का उपयोग नहीं कर सकेगी।

सरकारी धन का उपयोग कब होगा?

धीरज साहू मामले में 353 करोड़ रुपये पहले बैंक में जमा होंगे. मामले की सुनवाई पूरी होने तक ये पैसे बैंक में ही रहेंगे। यह धन सरकारी खजाने में जाएगा अगर कोर्ट आरोपी को दोषी ठहराता है। और वहीं सारे पैसे उसे वापस मिल जाएंगे अगर कोर्ट आरोपी को बरी कर देता है।

ऐसे में, धीरज साहू को 353 करोड़ रुपए वापस मिलने के लिए उनकी पुष्टि की जानी चाहिए। ऐसा नहीं कर पाने पर, भारत सरकार साहू का "कैशलोक" अपने हाथ में ले लेगी।

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