Roti : गरमा गरम रोटी खाने से क्या होता है, आपको जरूर पता होनी चाहिए ये बात

रोटी तो हम सब खाते ही है लेकिन कई लोगो गर्मागर्म रोटी खाने की आदत होती है, ऐसे में क्या आप जानते है कि गर्म रोटी खाने से क्या होता है, आइए खबर में जानते है इससे जुड़ी जरूरी बातें...
 

Saral Kisan : तवे से उतरी गरमा गरम रोटी भला किसे पसंद नहीं, मगर इसे हड़बड़ी में खाने की भूल न करें। यह निवाला कैंसर का कारण बन सकता है। रोटी ही नहीं, अन्य गर्म खाद्य पदार्थ या चाय-काफी और सूप भी जल्दबाजी में खाने-पीने से कैंसर की समस्या हो सकती है।

खाने की नली में कैंसर के मामले बढ़े

राजकीय जेके कैंसर संस्थान में इलाज कराने पहुंच रहे मरीजों में ऐसे कई मामले मिले हैं। यहां के विशेषज्ञों के मुताबिक, सीए इसोफेगस (खाने की नली) में कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। इस समय 405 मरीजों का इलाज चल रहा है। कैंसर संस्थान के विशेषज्ञों के मुताबिक, इलाज के लिए 35-40 साल आयु वर्ग के युवाओं की जांच में खाने की नली का कैंसर यानी स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (एससीसी) पाया जा रहा है।

इस कारण होती है समस्या

गर्म भोजन या पेय से खाने की नली का अंदरूनी भाग क्षतिग्रस्त होने से यह समस्या होती है। इसकी वजह है कि देर रात तक काम करना और सुबह विलंब से उठने की अनियमित जीवनशैली में लोगों का खानपान हड़बड़ी में होता है।

श्वांस नली और फेफड़े भी आ सकते चपेट में

खाने की नली के ठीक पीछे श्वांस नली और फेफड़े होते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक खाने की नली का कैंसर तेजी से फैलते हुए श्वांस नली और फेफड़े को चपेट में ले लेता है, जिससे फिस्च्यूला (रास्ता) बन जाता है। खाना या पानी फेफड़े व श्वांस नली में चला जाता है। यह स्थिति और खतरनाक हो जाती है । जेके कैंसर संस्थान निदेशक प्रो. एमपी मिश्र ने बताया कि सीए इसोफेगस के कैंसर का शुरुआती अवस्था में पता नहीं चलता है। जब तक मरीज आते हैं, कैंसर की स्टेज 3-4 पहुंच चुकी है। उनका जीवन एक साल से छह माह के बीच रह जाता है। पिछले तीन वर्षो में इसके मरीज 2-3 फीसद की दर से लगातार बढ़ रहे हैं, जो गंभीर स्थिति है।

ये हैं लक्षण

खाना या पानी निगलने में दिक्कत
सीने में लगातार जलन
खाना अंदर जाने में दिक्कत
खाने के तुरंत बाद उल्टी होना
सांस लेने में दिक्कत
लगातार खांसी आना

ऐसे करें निदान

खाने की नली की इंडोस्कोपी जांच, सीटी स्कैन जांच और एमआरआइ जांच कराएं। समय रहते पता लगने पर इलाज करना आसान है।

साफ्ट-एनर्जी ड्रिंक्स, जंक फूड-पैक्ड फूड भी घातक

आज की व्यस्त जीवनशैली में युवाओं की निर्भरता पैक्ड फूड व जंक फूड पर बढ़ती जा रही है। साफ्ट व एनर्जी ड्रिंक्स का प्रयोग भी करते हैं। पैक्ड, जंक फूड और प्रिजर्व बेकरी आइटम में सोडियम बेंजाएट मिलाया जाता है। साफ्ट व एनर्जी ड्रिंक्स में आर्टिफिशियल स्वीटनर के रूप में बेंजीन ¨रग मिलाया जाता है, जो कैंसर का कारक होता है।

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