उत्तर प्रदेश में कावड़ यात्रा के दौरान इन शहरों की बसों का बदलेगा रूट, बढ़ सकता है 30 प्रतिशत तक किराया

UP News : उत्तर प्रदेश में रोडवेज में सफर करना अब महंगा होने वाला है। रोडवेज में सफर करने वाले यात्रियों को 30 से 40% किराया ज्यादा देना होगा। प्रदेश में 25 जुलाई से बसों का रूट बदल जाएगा। 

 

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में कावड़ यात्रा की मध्यनजर रोडवेज की बसों का 25 जुलाई से रूट बदला जा सकता है। बसों का रूट डायवर्जन होने के चलते बसों को अलग रूट से चलाया जाएगा। बसों के रूट डायवर्जन होने के चलते किराए में 30 से 40 फ़ीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है। उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम ने अतिरिक्त बसें चलाने का निर्णय लिया है। कावड़ यात्रा के दौरान को कांवड़ियों के पैदल चलने से सभी संबंधित जिलों में बसों का रूट बदल जाएगा। 

जेब पर पड़गी भारी 

रोडवेज बस में सफर करना सहूलियत के साथ अब आपकी जेब पर भारी पड़ने वाला है।  बता दें कि हरिद्वार और ऋषिकेश जाने वाले सड़कों पर चलने वाली बसों सभी जिलों में रूट डायवर्सन लागू किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में भी 25 जुलाई से यह डायवर्जेंट प्लान लागू होगा और रोडवेज बसों का रोड भी बदल दिया जाएगा.

गाजियाबाद में जीटी रोड और मेरठ रोड पूरी तरह बंद हैं। हापुड़ रोड पर बसों को चलाना भी वर्जित है। डाक कांवड़ियों के डीएमई से गुजरने के कारण डासना से भी कोई डीएमई नहीं जाता। यही कारण है कि बसें एनएच-नौ से लालकुआं, बुलंदशहर, डासना और हापुड़ तक जाती हैं।

हापुड़ और बुलंदशहर से जाएंगी बसें 

इस बार कांवड़ यात्रा के लिए हर दो किलोमीटर पर एंबुलेंस होगा। इसके लिए सड़कों पर निजी अस्पतालों की एंबुलेंस भी उपलब्ध होगी। व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त रखने के लिए प्रत्येक क्षेत्र में नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। 22 जुलाई को श्रावण शिवरात्रि का कांवड़ मेला शुरू होगा। हर साल, गाजियाबाद से लाखों लोग कांवड़ यात्रा करके हरिद्वार, गोमुख और गंगोत्री से गंगा का पवित्र जल लेकर शिवालयों पर चढ़ाते हैं। कांवड़ियों के सड़क से पैदल चलने से हादसों का खतरा भी बना रहता है। स्वास्थ्य विभाग ने कांवड़ मेला की योजना बनाई है।

हरिद्वार की ओर जाने वाली ट्रेनें फूल

जुलाई तक हरिद्वार की ओर जाने वाली ट्रेनें फूल हो जाएंगी। शताब्दी में किसी भी ट्रेन में सीट नहीं है। स्लीपर क्लास में पच्चीस से अधिक वेटिंग है। वहीं, थर्ड एसी और सेकंड एसी में भी वेटिंग लिस्ट जारी की जाती है। दो अगस्त शिवरात्रि है। तब तक कांवड़ लाने वाले भक्तों की भीड़ हरिद्वार से आती रहेगी। हरिद्वार से कांवड़ लाने वाले भक्तों को ट्रेन और बस मिलती है। वहां से जल लेने के लिए पैदल चलते हैं। यही कारण है कि हरिद्वार जाने वालों की संख्या अधिक होती है। इस ओर जाने के लिए लोग पहले से ही ट्रेनों में सीट बुक करा रहे हैं। पूरी जुलाई के दौरान हरिद्वार जाने वाली सभी ट्रेनें सीमित हैं।