उत्तर प्रदेश में 1600 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा रिंग रोड, इन गांवों की जमीन की जाएगी अधिग्रहीत
रिंग रोड बरेली के चारों ओर दो भागों में बनेगा। 20 किलोमीटर का पहला भाग ग्राम धंतिया से ग्राम चौबारी मुस्तकिल तक है। चौबारी मुस्तकिल से रजऊ परसपुर की दूरी बारह किलोमीटर है।
Saral Kisan News : बरेली शहर के आसपास रिंग रोड के डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) और जमीन अधिग्रहण के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की लैंड रिकोजीसन कमेटी (LCA) की बैठक में योजना को मंजूरी दी गई।
Project Manager ने मंडलायुक्त और DM से मिलकर जमीन अधिग्रहण के प्रस्ताव को आगे बढ़ाया है। रिंग रोड का मूल्य 1,600 करोड़ रुपये होगा। रिंग रोड के लिए 22 गांवों की जमीन मिलनी चाहिए थी। 21 गांवों का काम पूरा हो गया था, लेकिन मीरगंज का रहपुरा जागीर चकबंदी में था। अधिग्रहण अटक गया।
एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर बीपी पाठक ने मंडलायुक्त और जिलाधिकारी के निर्देश पर एसओसी से उन धनराशि को चकबंदी से मुक्त करने का अनुरोध किया है। 80 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण के बाद रिंग रोड का काम शुरू होगा।
20 किलोमीटर का पहला भाग ग्राम धंतिया से ग्राम चौबारी मुस्तकिल तक है। चौबारी मुस्तकिल से रजऊ परसपुर की दूरी बारह किलोमीटर है। नैनीताल, दिल्ली और लखनऊ राजमार्गों को जोड़ने वाला रिंग रोड का एक हिस्सा पूरी तरह से बना हुआ है। इन्वर्टिस विश्वविद्यालय तिराहा से बड़ा बाइपास है। दो भागों में बने बरेली रिंग लगभग 65 किलोमीटर लंबा होगा। धंतिया, परसाखेड़ा, रसूला चौधरी, बालकोठा, बादशाहनगर, सरनिया, रहपुरा जागीर, महेशपुरा अटरिया, रोहता मुस्तकिल, रोहता एहतमाली, सहसिया हुसैनपुर एहतमली, सहसिया हुसैनपुर मुस्तकिल, सरायतल्फी मुस्तकिल, सरायतल्फी मुस्तकिल, महगवां, बिरिया नरेंद्रपुर, इटावा सुखदेवपुर, बहतीदह जागीर, रौंधी मुस्तकिल, महेश
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