Rich Village : भारत में एक ऐसा गांव जहां रहते हैं सिर्फ करोड़पति लोग
Saral Kisan : अगर आपको भारत के बारे में जानना है, तो गांवों की यात्रा करनी चाहिए। भारत में कई ऐसे गांव हैं जो किसी न किसी कारण से मशहूर हैं। इनमें कई गांव अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध हैं, तो कई साफ-सफाई के लिए जाने जाते हैं। लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे गावों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो खूबसूरती के साथ-साथ अजीबोगगरीब वजहों से पूरे देश में जाने जाते हैं। इन गांवों के बारे में जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे।
हिवारे बाजार गांव, महाराष्ट्र
भारत के इस गांव ने साबित किया है कि गांव के लोग गरीब नहीं होते हैं। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में हिवारे बाजार गांव स्थित है। यह गांव करोड़पति गांव के नाम से मशहूर है। इस गांव में रहने वाले 50 से ज्यादा लोग करोड़पति हैं। विकास और समुदाय आधारित प्राकृतिक संसाधन मैनेजमेंट से इस गांव के लोगों को मदद मिली है। यह गांव भारते के आदर्श गावों में शामिल है।
मत्तूर गांव, कर्नाटक
इस गांव में ज्यादातर लोग अपने दैनिक जीवन में बातचीत करने के लिए संस्कृत भाषा का इस्तेमाल करते हैं। अनोखा गांव मत्तूर कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में स्थित है। कर्नाटक की आधिकारिक भाषा कन्नड़ है, लेकिन इस गांव में लोग संस्कृत के साथ सहज हैं। आपके मन में सवाल खड़ा हो रहो होगा कि इसमें अनोखा क्या है? प्राचीन भारतीय भाषा संस्कृत है, लेकिन अब यह सक्रिय रूप से नहीं बोली जाती है। भारत के कुछ स्कूलों में संस्कृत पढ़ायी जाती है, लेकिन फिलहाल भारत में इसका इस्तेमाल धार्मिक समारोहों तक सीमित है। मत्तूर गांव के लोगों के लिए यह सामान्य भाषा है।
लोंगलों वा गांव, नागालैंड
नागालैंड के मोन जिले में लोंगलों वा गांव स्थित है। प्रदेश के सबसे बड़े गांव में से एक है, लेकिन यह गांव इसके कारण से अजीबगरीब नहीं है। इस गांव के प्रधान का घर जिसे स्थानीय भाषा में अंग या राजा कहा जाता है, भारत और म्यांमार के बीच भौगोलिक सीमा में मौजूद है। अगर आप राजा के घर में स्थित हैं, तो आप एक ही समय में म्यांमार और भारत में मौजूद हो सकते हैं। इस गांव के लोगों के पास दोहरी नागरिकता है।
बड़वां कला विलेज, बिहार
बिहार के कैमूर हिल्स के बड़वां गांव के बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस गांव में 2017 तक यानी 50 सालों तक इस गावं में कोई शादी नहीं हुई थी। साल 2017 के बाद इस गांव में बारात आई थी। इस गांव को बैचलर ऑफ विलेज के नाम से जाना जाता था। पहले बड़वां गांव तक पहुंचने के लिए सिर्फ एक तरीका 10 किमी का ट्रेक था। यहां पर कोई पक्की सड़क नहीं थी जिसकी वजह से गाड़ी लाना नामुमकिन था। बाद में ग्रामीणों ने एक सड़क बनाई जिससे शादी संभव हुई।
शनि शिंगणापुर गांव, महाराष्ट्र
भारत के लगभग हर शहर और गांव में लोग कहीं बाहर जाते समय या रात में सोते समय सुरक्षा के लिए घर के दरवाजे जरूर बंद करते हैं। लेकिन महाराष्ट्र के शनि शिगनापुर गांव में लोगों के घर के दरवाजे नहीं हैं। यह गांव इसके लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां के रहने वाले शनिदेव के सच्चे भक्त हैं। लोगों का मानना है कि जो कोई भी गांव में किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाएगा, वह शनि देव के प्रकोप का शिकार बनेगा।
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