उत्तर प्रदेश के इस शहर से 50 मिनट में जेवर एयरपोर्ट पहुंचेगी रैपिड रेल, इन शहरों को मिलेगा नया RRTS नेटवर्क
Saral Kisan, UP : उत्तर प्रदेश सरकार जेवर में निर्मित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) से जोड़ने की योजना बना रही है। इससे उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर जैसे मेरठ, मोदीनगर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा आदि जेवर एयरपोर्ट से जुड़ जाएंगे। यह दिल्ली एयरपोर्ट, आईजीआई एयरपोर्ट और कॉरिडोर जेवर एयरपोर्ट को भी तीव्र गति से जोड़ेगा। इस कॉरिडोर के माध्यम से यात्री गाजियाबाद से 50 मिनट में, मेरठ से 85 मिनट में और इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (आईजीआई) से 80 मिनट में जेवर एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे, योजना के अनुसार।
हाल ही में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम, उत्तर रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे, एनएचएआई और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ एक बैठक में एयरपोर्ट की बेहतर कनेक्टिविटी को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान, उन्होंने जेवर एयरपोर्ट को आईजीआई से जोड़ने की मांग की।
12 हजार करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है
केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और बैंक भी प्रस्तावित परियोजना को धन देंगे। केंद्र सरकार केवल 1804 करोड़ रुपये आरआरटीएस के लिए देगी, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार 2581 करोड़ रुपये देगी। मल्टीलेटरल और बायलेटरल बैंक भी 5413 करोड़ रुपये देंगे। सिर्फ आरआरटीएस पर लगभग १० हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं मेट्रो और आरआरटीएस दोनों पर 12 हजार करोड़ से अधिक खर्च होगा। इसमें भारत सरकार 2225 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश सरकार 3132 करोड़ रुपये और बैंक 6675 करोड़ रुपये देंगे।
एनसीआर के बहुत से शहरों में पहुंच होगी
परियोजना के तहत मौजूदा और प्रस्तावित ट्रांजिट नेटवर्क, आईजीआई और उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों और सघन विकास क्षेत्रों के साथ कॉरिडोर का एकीकरण प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने जेवर एयरपोर्ट से गाजियाबाद के बीच प्रस्तावित रूट को अनुमोदित किया है। प्रस्तावित एलाइनमेंट 72.2 किलोमीटर का होगा और इसमें 25 स्टेशन होंगे। प्रस्तावित कॉरिडोर डीएमआईसी ब्लू लाइन और नोएडा में एक्वा लाइन को भी शामिल करेगा। समान बुनियादी ढांचे पर आरआरटीएस और मेट्रो को चलाने के लिए 14 मेट्रो स्टेशन जोड़े जा सकते हैं।
योगी सरकार निशुल्क जमीन देगी
आरआरटीएस में पूरी तरह से यात्री सुविधाएं होंगी। यह चेयरकार ईएमयू पूरी तरह वातानुकूलित होगा, जबकि इसकी बॉडी तेज रफ्तार के लिए एल्यूमीनियम और स्टेनलेस स्टील से बनाई गई है। यह इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन सिस्टम पर आधारित होगा। यह संचार प्रणाली एलटीई पर आधारित होगी। इस परियोजना को भारत सरकार के सहयोग से पूरा किया जाएगा, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार निशुल्क सरकारी जमीन देगी।
डीपीआर तीन महीने में तैयार होगा।
डीपीआर एनसीआरटीसी गाजियाबाद से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर तक रेल कॉरिडोर बनाएगा। यह डीपीआर तीन महीने में तैयार हो जाएगा। इस कॉरिडोर का निर्माण दो चरणों में होना चाहिए। रैपिड रेल सेवा को नोएडा एयरपोर्ट से जोड़ने के लिए गाजियाबाद से एयरपोर्ट तक एक कॉरिडोर बनाया जाएगा। NRC ने इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाई। रैपिड रेलमार्ग को गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन से ग्रेटर नोएडा वेस्ट और परी चौक के माध्यम से एयरपोर्ट तक मंजूरी दी गई है।