उत्तर प्रदेश का अनोखा गाँव यहां नहीं मनाया जाता रक्षाबंधन , जानिए वजह

Uttar Pradesh News :सोमवार को देशभर में भाई-बहन का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन मनाया गया, लेकिन उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में एक गांव ऐसा भी है जो इस त्योहार को नहीं मनाता। इस गांव में रक्षाबंधन के दिन नरसंहार हुआ था।

 

Ghaziabad Surana Gaon History : सोमवार को देशभर में भाई-बहन का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन मनाया गया, लेकिन उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में एक गांव ऐसा भी है जो इस त्योहार को नहीं मनाता। इस गांव में रक्षाबंधन के दिन नरसंहार हुआ था। इस गांव के सभी यदुवंशी मोहम्मद गौरी से युद्ध करते हुए शहीद हो गए थे। इस वजह से लोग रक्षाबंधन के दिन को अपशकुन मानते हैं और त्योहार मनाने से बचते हैं। इस वजह से इस गांव में हर साल सैकड़ों लोगों की कलाई कट जाती है। रक्षाबंधन की कमी की भरपाई भाईदूज पर होती है। 

गाजियाबाद जिले के मोदीनगर क्षेत्र में सुराना एक गांव है। इसे छाबड़िया गोत्र यदुवंशी अहीरों ने बसाया था।  ये यदुवंशी राजस्थान के अलवर से गाजियाबाद आकर वर्ष 1108 के आसपास हिंडन नदी के किनारे बस गए थे। युद्धप्रिय जाति होने के कारण उन्होंने 'सौ' और 'रान' शब्दों को मिलाकर इस गांव का नाम सौराना रखा था जो बाद में सुराना हो गया।

कहा जाता है कि 1192 में तराइन के दूसरे युद्ध में मोहम्मद गौरी के हाथों पृथ्वीराज चौहान की हार के बाद उनकी सेना के अहीर यादवों की एक टुकड़ी ने इसी सुराना गांव में शरण ली थी। इस टुकड़ी का पीछा करते हुए मोहम्मद गौरी अपनी 50 हजार सैनिकों की सेना के साथ सुराना गांव पहुंच गया। पूरे गांव को घेर लिया। वह दिन रक्षाबंधन का दिन था। बहनों से राखी बंधवाने के बाद यदुवंशी सेना ने मोहम्मद गौरी की सेना का सामना किया। इसमें सैकड़ों यदुवंशियों ने अपने प्राणों की आहुति दी। इसके बाद गांव में बचे हुए बूढ़ों, महिलाओं और बच्चों का कत्लेआम कर दिया गया था।