Rajsthan News : बार-बार जले हुए तेल में तली जा रही थीं कचौरियां, आमजन के स्वास्थ्य से खिलवाड़, टीपीसी मीटर ने पकड़ी गड़बड़ी
 

Streetfood Cityfood : जिले में आमजन के स्वास्थ्य के साथ खराब खाद्य वस्तुएं बेचकर खिलवाड़ किया जा रहा है। समोसे कचोरी और भजिए होटल से लेकर ढेलो तक भी बनाने के लिए शुद्ध तेल का प्रयोग कम ही किया जा रहा है। 

 

Rajsthan News : लोग अपने स्वाद के लिए समोसे कचोरी खाते हैं. लेकिन आमजन को पता ही नहीं जो स्वाद के लिए खाया जा रहा है वह आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है. एक ही तेल में बार-बार समोसे व कोचोरिया निकाली जाती हैं। 

मंगलवार को खाद्य सुरक्षा विभाग की टीमों ने जांच अभियान शुरू किया. इस अभियान में पता चला की दुकानों पर खराब जले हुए तेल में बार-बार कचोरियों को तला जा रहा था। विवाह की टीम ने जांच में नए मिले टिपिस मी का प्रयोग किया।  बता दे की भीमगंज थाना क्षेत्र में एक दुकान पर तीन से चार किलो तेल की कचौरियां तली जा रही थीं। मानक से काफी अधिक टीपीसी तेल का मूल्य 60 था। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने दुकानदार से कहा कि वह सात दिन में तेल बदलता है। मौके पर उसे पांबद किया गया और तेल का नमूना लेकर प्रयोगशाला भेजा गया। साथ ही, उपयोग किया गया तेल मौके पर ही खत्म हो गया।

फंगस वाले लड्डू 

डॉ. जगदीश सोनी के अनुसार एक अन्य दुकान पर भी टीपीसी वैल्यू मानक स्तर का नहीं था। यहां फंगस वाले लड्डु बेचे जा रहे थे। 3 किलो लड्डू नष्ट भी करवाए। कचौरी का एक नमूना लिया गया। टीम ने मंदिर रोड कोटा जंक्शन स्थित होटल से ग्रेवी का सैंपल लिया। जैन धर्मशाला के नीचे नमकीन की दुकान का निरीक्षण किया, जहां तैयार नमकीन लाकर बेची जा रही थी। स्टेशन के आस-पास 8 प्रतिष्ठानों से भी 3 सैंपल लिए। टीम में संदीप अग्रवाल, चंद्रवीरसिंह जादौन व नितेश गौतम मौजूद रहे।

25 से अधिक वैल्यू अमानकः प्रत्येक खाद्य सुरक्षा अधिकारी को खान-पान की दुकानों पर तेल की गुणवक्ता जांचने के लिए टीपीसी मीटर मिला है। यह मीटर तलने वाली कढ़ाई में डालकर तेल की गुणवत्ता की जांच करते हैं। मीटर पर रीडिंग 25 से अधिक आती है तो यह तेल उपयोग लायक नहीं होता। अब तेल की जांच के लिए सैंपल जयपुर भेजते थे। वहां से रिपोर्ट आने में समय लगता था। अब मौके पर जांच हो जाएगी।