राजस्थान के कोटा एयरपोर्ट को लेकर आई ये ख़ुशखबरी, जानिए कब शुरू होगी फ्लाइट

Rajasthan News : राजस्थान के इस जिले के लोगों को नए ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की सौगात मिली है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मौजूदगी में शुक्रवार को प्रदेश की राजधानी जयपुर में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया और प्रदेश सरकार के बीच एयरपोर्ट बनाने के लिए एमओयू साइन किया गया। 

 

Kota Green Field Airport : राजस्थान के कोटा में बनने वाले नए ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट  बनने का रास्ता अब साफ हो गया है। कोटा में बनने वाले नए एयरपोर्ट को लेकर विभिन्न प्रकार की सारी बाधाएं अब दूर कर ली गई है। कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट (Kota Green Field Airport) का निर्माण एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के द्वारा किया जाएगा. 

इस एयरपोर्ट हवाई यात्रा शुरू करने के लिए ढाई साल का लक्ष्य रखा गया है. कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को बनाने में 1200 करोड़ की लागत राशि आने का अनुमान है। एयरपोर्ट को लेकर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने की कार्य प्रणाली शुरू करवा दी गई है। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट दिसंबर तक तैयार होगी. रिपोर्ट बनने के बाद ही इस एयरपोर्ट का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। 

वसुंधरा सरकार में ऐलान 

कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की घोषणा वसुंधरा सरकार के दूसरे कार्यकाल में की गई थी. बाद में कांग्रेस की गहलोत सरकार ने एयरपोर्ट के लिए बूंदी जिले के शंभूपुरा में जमीन आवंटित की थी. राजस्थान की भजन लाल सरकार ने इस बजट स्तर में कोटा में नया ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाने की बड़ी घोषणा की थी। मौजूदा समय में कोटा शहर के बीचो-बीच एयरपोर्ट बन भी हुआ है. लेकिन यह एयरपोर्ट ऑपरेशनल नहीं किया गया है.

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को मिली जमीन 

तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को जमीन दी, लेकिन अधिकांश जमीन जंगल में थी। वहीं पावर ग्रिड की लाइन भी इस जमीन के ऊपर से गुजरती है। इन सभी बाधाओं को दूर करने के लिए स्टेक होल्डर्स का अनुमोदन आवश्यक था। कोटा नगर न्यास ने भजनलाल सरकार के गठन के आठ दिन बाद ही वन विभाग को भूमि कंवर्जन के बाकी 39 करोड़ रुपये दे दिए। 13 मार्च 2024 को पावर ग्रिड लाइन शिफ्टिंग के लिए पावर ग्रिड और न्यास का एमओयू भी हुआ। 13 मार्च को पावर ग्रिड और कोटा यूआईटी (नगर विकास न्यास) ने एक एमओयू साइन किया जो एयरपोर्ट के प्रस्तावित जमीन के ऊपर से निकलने वाली पावर ग्रिड लाइन को शिफ्ट करेगा।

चिन्हित जमीन 

चिन्हित भूमि की सीमा से चारों ओर विद्युत लाइनों को डेढ़ किमी या उससे अधिक दूरी पर शिफ्ट किया जाएगा, एयरपोर्ट अथॉरिटी की मांग के अनुसार। ऐसे में पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन हाईटेंशन लाइन को हटाने के लिए 34 टावर्स को शिफ्ट करेगा, जो 11 किलोमीटर क्षेत्र में फैले हैं। 400 केवी की दो ट्रांसमिशन लाइनों से राजस्थान परमाणु बिजली घर से जयपुर साउथ और कोटा से मेड़ता-ब्यावर को बिजली दी जाती है। 46 नए टॉवर इनके स्थान पर बनाए जाएंगे। जो 15.064 किमी लंबी ट्रांसमिशन लाइन पर बिछेगी।