राजस्थान में गठित होगा मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए संयुक्त उद्यम, नौकरियों की आएगी बहार

Rajasthan Metro Rail Project : मेट्रो रेल नीति-2017 के अनुसार यह जेवी मेट्रो परियोजना की लागत में भारत सरकार से केवल वित्तीय सहयोग (शेयर पूंजी और फायर के रूप में) ही प्राप्त कर सकेगा। तकनीकी और प्रशासनिक सहयोग भी मिलेगा। 

 

Metro Rail Policy : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में राष्ट्रीय रेल नीति 2017 के अनुसार केंद्र सरकार और राज्य के बीच संयुक्त उद्यम (जेवी) कंपनी बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह संयुक्त उद्यम राजस्थान में वर्तमान में चल रही और भविष्य की मेट्रो रेलवे परियोजनाओं के विकास, संचालन और क्रियान्वयन के लिए होगा। दिल्ली समेत कई राज्य में भी जेवी का यही मॉडल सफलतापूर्वक अपनाया गया है।

मेट्रो रेल नीति-2017 के अनुसार यह जेवी मेट्रो परियोजना की लागत में भारत सरकार से केवल वित्तीय सहयोग (शेयर पूंजी और फायर के रूप में) ही प्राप्त कर सकेगा। तकनीकी और प्रशासनिक सहयोग भी मिलेगा। 

प्रावधान जोड़ें 

राजस्थान सेवा नियम 1951 में अस्थायी आधार पर नियुक्ति और पदोन्नति के मामले में वेतन निर्धारण के संबंध में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है।  अब सेवा नियमों में 26जी जोड़कर आवश्यक अस्थायी आधार पर नियुक्ति एवं पदोन्नति पर वेतन निर्धारण का प्रावधान किया जा रहा है।

आरजीएचएस में दावा निपटान में आएगी स्पष्टता

आरजीएचएस के अलावा राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनरों के पास निजी चिकित्सा बीमा भी है। उन्हें अब दावे का भुगतान किया जाएगा। पहला दावा चिकित्सा बीमा कंपनी द्वारा निपटाया जाएगा तथा इसके बाद शेष राशि का दावा आरजीएचएस के माध्यम से किया जाएगा।

पदों की कमी दूर होगी

संस्कृत शिक्षा विभाग में 179 शारीरिक शिक्षा अध्यापक तथा 179 पुस्तकालय अध्यापक की भर्ती होंगी। चयनित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में 1 अप्रैल, 2020 अथवा उसके पश्चात सुपर स्पेशियलिटी एवं को-स्पेशियलिटी में प्रारंभ होने वाले विभागों में यदि आचार्य, सहायक आचार्य के पद राजस्थान चिकित्सा सेवा (महाविद्यालय शिक्षा) नियमों में वर्णित प्रक्रिया के पश्चात भी रिक्त रहते हैं तो उन्हें विशेष भर्ती द्वारा भरा जा सकेगा।