Rajasthan : बीकानेर में स्थापित होंगे 3 सोलर पार्क, ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा प्रदेश
Rajasthan News : पश्चिमी राजस्थान के पूंगल, छत्तरगढ़ और भड़ला में 4 सौर परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी। इन सौर परियोजनाओं से 2950 मेगावाट बिजली पैदा होगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश में 4 सौर परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसमें बीकानेर के पूगल और छत्तरगढ़ तहसील में 2450 मेगावाट के 3 सोलर पार्क स्थापित किए जाएंगे।
फलौदी के भड़ला में 500 मेगावाट की सौर परियोजना बनाई जाएगी। इससे ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश को सरप्लस ऊर्जा राज्य बनाने का संकल्प पूरा होगा। इन परियोजनाओं से प्रदेश में 10 हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा। चूंकि परियोजना एमएनआरई से अनुमोदित है, इसलिए इसे 33% अनुदान मिलेगा और इसे अगले दो साल में पूरा किया जा सकेगा।
10 मार्च को राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड, एनटीपीसी लिमिटेड, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, कोल इंडिया लिमिटेड और एनएलसी इंडिया लिमिटेड के बीच 1 लाख 50 हजार करोड़ रु. के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं।
बीकानेर में लगेंगे 3 प्लांट, 4780 हेक्टेयर भूमि आवंटित
बीकानेर जिले में 2450 मेगावाट के 3 सोलर पार्क स्थापित करने के लिए राजस्थान सोलर पार्क डेवलपमेंट कंपनी को 4780 हेक्टेयर भूमि दी गई है। बीकानेर जिले में 1000 मेगावाट के दो और 450 मेगावाट का एक सोलर पार्क स्थापित किया जाएगा। पहले सोलर पार्क के लिए पूगल तहसील के गांव सुरसर में करीब 1881 हेक्टेयर भूमि आवंटित की जाएगी। एक हजार मेगावाट के दूसरे सोलर पार्क के लिए दो हजार हेक्टेयर भूमि आवंटित की जाएगी, जिसमें से 1194 हेक्टेयर भूमि सुरसर में और करीब 807 हेक्टेयर भूमि गांव भानावतावाला में स्थित है। 450 मेगावाट के तीसरे सोलर पार्क के लिए छत्तरगढ़ तहसील के सरदारपुरा गांव में 900 हेक्टेयर भूमि आवंटित की जाएगी।
फलौदी में बनेगा प्लांट: एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड फलौदी में 500 मेगावाट का सोलर प्रोजेक्ट लगाएगी। बाप तहसील के भादला गांव में 910 हेक्टेयर भूमि आवंटित की जाएगी।
स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि इन सोलर परियोजनाओं से राजस्थान ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। इन परियोजनाओं से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इससे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी। ये सोलर परियोजनाएं पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी और सालाना करीब 2 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी लाएंगी। इन सोलर पार्कों में अत्याधुनिक सोलर पैनल और ग्रिड तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे ऊर्जा उत्पादन की क्षमता बढ़ेगी।