ग्रामीण इलाकों में 1.25 लाख किमी सड़कें बनानें की तैयारी, इतनी आबादी वाले गावों को मिलेगा फायदा

पीएम ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत ऐसे गांव की सड़कों को चकाचक किया जाएगा, जहां की जनसंख्या कम से कम 300 से 400 लोगों की होगी, लेकिन यह आंकड़ा मैदानी इलाकों के लिए है। इसके अलावा पहाड़ी, रेगिस्तानी और कुछ अन्य पिछड़े इलाकों में 100 से ज्यादा लोग गाँव में होने पर अच्छी सड़कों का निर्माण किया जाएगा।
 

Rural Road Connectivity : देश के राज्य और बड़े-बड़े शहरों की आपसी कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा लंबे-चौड़े एक्सप्रेसवे बनाई जा रहे हैं। इसके अलावा सरकार द्वारा गांव की कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए भी कार्य तेजी पर किए जा रहे हैं। सरकार द्वारा कहना है कि आर्थिक गतिविधियों को तेज करने और गरीबों को घटाने के लिए ग्रामीण इलाकों की सड़कों का बढ़िया बनना जरूरी है। इन सड़कों को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए सरकार द्वारा बजट में बड़ी घोषणा की जा सकती है। इसके लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (PMGSY) का एरिया बढ़कर गांव की सड़कों को रिस्ट्रक्चर किया जाएगा।

पीएम ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत ऐसे गांव की सड़कों को चकाचक किया जाएगा, जहां की जनसंख्या कम से कम 300 से 400 लोगों की होगी, लेकिन यह आंकड़ा मैदानी इलाकों के लिए है। इसके अलावा पहाड़ी, रेगिस्तानी और कुछ अन्य पिछड़े इलाकों में 100 से ज्यादा लोग गाँव में होने पर अच्छी सड़कों का निर्माण किया जाएगा। लाइव मिनट की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार द्वारा बजट में इन गांवों के लिए बड़ा आवंटन कर सकती है।

जानिए अभी क्या है, स्थिति

अभी वर्ष 2000 में शुरू हुए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का तीसरा चरण चल रहा है। इसमें मैदानी इलाकों में 500 से ज्यादा की आबादी वाले गांवों को शहरों से जोड़ा जाना है, इसके अलावा पहाड़ी और रेगिस्तानी क्षेत्र के लिए यह संख्या 250 लोगों तक की है। सूत्रों का कहना है कि बहुत ही जल्द इस योजना का चौथा चरण भी शुरू होने जा रहा है। इस योजना के तीसरे चरण के लिए अंतरिम बजट में 16600 करोड रुपए की धनराशि जारी की गई थी। इस योजना का चौथा चरण अगले साल से शुरू होने की आशंका जताई गई है।

जाने कहां-कहां जुड़ी सड़कें

पीएम ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत ग्रामीण इलाकों को कृषि मार्केट, हायर सेकेंडरी स्कूल और अस्पतालों से जोड़ने के लिए 1.25 लाख किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जा रही है। इस योजना का पहला और दूसरा चरण 99 फीसदी पूरा हो गया है। इसके अलावा तीसरे चरण का काम भी लास्ट स्टेज पर है। इस परियोजना की शुरुआत 25 दिसंबर 2000 को हुई थी।

अभी तक कितना काम हुआ पूरा

इस योजना के शुरू होने के पश्चात अब तक इस पर 3.8 लाख करोड रुपए का खर्च आया है। इस राशि से 7.60 लाख किलोमीटर की सड़कों का निर्माण हो चुका है। हालांकि इस योजना के अंतर्गत कुल 813,924 किलोमीटर की सड़कें बनाई जाएगी। इन सड़कों को बनाने के लिए होने वाला खर्च 60 फ़ीसदी केंद्र सरकार द्वारा दिया जाता है और 40 फीसदी राज्य सरकार को देना होता है। इसके अलावा पहाड़ी राज्यों की सड़कों को बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 90 फ़ीसदी पैसा दिया जाता है। अभी तक पहाड़ी क्षेत्रों में 50 हजार किलोमीटर की सड़क बन चुकी है।