उत्तर प्रदेश में बिजली परियोजनाएं पकड़ेंगी रफ्तार, कई नियमों में हुआ बदलाव

UP News : UPPCL ने बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर के काम को ओर तेजी देने के लिए हजारों करोड़ के टेंडर के नियम में बदलाव किया गया है। विभाग द्वारा इन नियमों को आसान बनाने के लिए नए ठेकेदारों को चयनित किया जा रहा है। इसके अलावा, विभाग द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए बड़े-बड़े टेंडर निकाले जा रहे हैं।
 

Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश में यूपीपीसीएल (UPPCL) ने बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर के काम को ओर तेजी देने के लिए हजारों करोड़ के टेंडर के नियम में बदलाव किया गया है। विभाग द्वारा इन नियमों को आसान बनाने के लिए नए ठेकेदारों को चयनित किया जा रहा है। जिसकी वजह से बड़े विभाग से जुड़े हुए बड़े ठेकेदारों और एजेंसियों का वर्चस्व टूटेगा और बिजली से जुड़े हुए सभी कार्यों को तेजी से पूरा किया जा सकेगा।

यूपी में इस समय आरडीएसएस तथा बिजनेस प्लान के अंतर्गत जुड़े हुए सभी विद्युत व्यवस्था को सुधारने के लिए हजारों करोड़ रुपए की लागत से कार्यों को शुरू किया गया है। इसके अलावा विभाग द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए बड़े-बड़े टेंडर निकाले जा रहे हैं।

कार्यों को तेजी से किया जाएगा, पूरा

योगी सरकार प्रदेश की बिजली व्यवस्था को बेहतर करने के लिए बिजली विभाग से जुड़े हुए सभी कार्यों को तेजी से पूरा कर रही है। जिसे देखते हुए विभाग ने बिजली टेंडर के नियमों में बदलाव करके उन्हें सरल बनाने का काम कर रहे हैं। इस पर विभाग ने बताया कि टेंडर जारी करने के नियमों में बदलाव करने से ठेकेदारों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे वे पूरी गुणवत्ता के साथ अपना काम जल्द पूरा करेंगे।

'ए' श्रेणी के ठेकेदार ले सकेंगे, टेंडर में हिस्सा

पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉक्टर आशीष कुमार गोयल ने कहा कि इन नियमों में करने के लिए टेंडर में हिस्सा लेने वालों के लिए शर्तें रखी गई है, जिसमें विद्युत सुरक्षा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की शर्तें तथा कार्य के आकलन की शर्तों को बेहद आसान किया गया है। इससे पहले विभाग द्वारा टेंडर के लिए 'ए' श्रेणी के लाइसेंस धारक ठेकेदार इन टेंडर में अपना आवेदन नहीं कर पाते थे, लेकिन अभी बदलाव होने के बाद से 'ए' श्रेणी के ठेकेदार अब इन टेंडरों में हिस्सा ले सकेंगे। मगर हिस्सा लेने के दौरान शर्त रखी गई है जिसमें कार्य को बांटने से पहले 'ए' श्रेणी का प्रमाण पत्र जमा करवाना होगा। इसके अलावा,  5 साल टर्नओवर की वास्तविक लागत 150 फीसदी को हटाकर 100 फीसदी कर दिया गया है। इसी प्रकार विभाग द्वारा अन्य शर्तों को भी सरल बनाया गया है, जिसके माध्यम से बिजली के कार्यों को तेजी से पूरा किया जा सकेगा।