UP के ग्रामीण इलाकों में 16 घंटे बिजली सप्लाई देने पर ऊर्जा मंत्रालय नाराज, 15 दिन में मांगी रिपोर्ट
Electricity Supply To UP : उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में मात्र 16 घंटे बिजली सप्लाई दी जा रही है। जिसकी वजह से ग्रामीण इलाके के लोग काफी परेशान है। ग्रामीणों की परेशानी देखते हुए केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने काम बिजली देने पर नाराजगी जाहिर की है।
Power Cuts In UP : उत्तर प्रदेश में काफी ग्रामीण इलाकों में बहुत कम बिजली आपूर्ति की जा रही है। जिसकी वजह से ग्रामीण लोग काफी परेशान है। लोगों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने कम बिजली देने पर नाराजगी जाहिर की है। इन ग्रामीण इलाकों में पिछले 4 साल से मात्र 16 घंटे बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है।
नगर निगम आयोग को बिजली वितरण विभाग के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है। निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में तत्कालीन मुआवजा कानून लागू किया जाए और साथ ही विभाग को 15 दिन में कारवाई रिपोर्ट तैयार कर पेश करने को कहा है।
उत्तर प्रदेश में मंत्रालय का पत्र आने के बाद विद्युत निगम में हलचल मच गई है। उपभोक्ता अधिकार कानून 2020 के अंतर्गत ग्रामीण तथा शहरी उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली देने का नियम है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने विद्युत नियामक आयोग को भेजे गए पत्र में कहा कि प्रदेश में मात्र 16 घंटे बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है।
ऊर्जा मंत्रालय के मुख्य सचिव अशोक कुमार ने 30 जुलाई को विद्युत वितरण विभाग के सचिव को पत्र के माध्यम से कहा कि अभिलंब बिजली वितरण निगम के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए और 15 दिन में कार्रवाई संबंधी रिपोर्ट पेश की जाए। अन्यथा ऊर्जा मंत्रालय को विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 146 के अंतर्गत कार्रवाई शुरू करनी पड़ेगी। साथ यह भी कहा कि 24 घंटे बिजली नहीं देने की वजह से उपभोक्ता मुआवजे के दायरे में आ जाते हैं। उपभोक्ताओं को मुआवजा दिलाने का तत्कालीन कानून बनाया जाए।
दाखिल किया गया जनित प्रस्ताव
राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने मंगलवार को विद्युत नियामक आयोग में जनहित प्रस्ताव रखा। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की जाए। शहरी तथा ग्रामीण इलाकों में लोगों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवाई जाए। परिषद के अध्यक्ष ने विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार और सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर जनहित ज्ञापन सौंपा। साथ ही यह भी ज्ञात करवाया कि भारत सरकार की ओर से उपभोक्ता अधिकार नियम 2020 की धारा 10(1) के अंतर्गत देश के सभी राज्यों के विद्युत उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवाना आवश्यक है।
पूरी बिजली नहीं मिलने पर उपभोक्ताओं के लिए मुआवजा देने का प्रावधान भी है। परंतु प्रदेश के उपभोक्ताओं को ना पूरी बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है और ना ही मुआवजा दिया जा रहा है। बिजली वितरण विभागों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की जल्दबाजी दिखाई जा रही है। परंतु बिजली आपूर्ति की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।