Petrol Pump वाले जीरो दिखा कर ऐसे लगा देते हैं चूना, ऐसे करें बचाव
Saral Kisan : ( नई दिल्ली ) पेट्रोल पंपों पर तेल की चोरी आम बात हो गई है। ग्राहक की आंखों के सामने पेट्रोल पंप के कारिंदे पेट्रोल-डीजल की चोरी कर लेते हैं और पैसा पूरा वसूल लेते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले के विभाग कंज्यूमर अफेयर्स ने अपने जागो ग्राहक जागो अभियान के तहत लोगों को जागरूक करने के लिए अपने X अकाउंट पर एक पोस्ट डाली है। इस पोस्ट में कैरिकेचर्स के जरिए लोगों को समझाने का प्रयास किया गया है कि पेट्रोल पंप पर मशीन में सिर्फ जीरो पर ध्यान देने से काम नहीं चलेगा। लोगों को 2 और चीजों पर खास ध्यान देना होगा, तभी तेल की चोरी और धोखाधड़ी से बच पाएंगे। आइए विस्तार से उन टिप्स के बारे में जानते हैं, जो हमें और आपको धोखाधड़ी का शिकार होने से बचा सकते हैं…
कई पेट्रोल पंप यूज करते जंप ट्रिक
कंज्यूमर अफेयर्स ने ट्वीट में लिखा कि उपभोक्ता ध्यान दें! पेट्रोल और डीजल भरवाने से पहले इन बातों का ध्यान रखें- मीटर रीडिंग 0.00 हो। डिस्पेंसिंग मशीन का वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट डिस्प्ले किया हुआ हो। उपभोक्ता यदि चाहे तो पेट्रोल पंप पर उपलब्ध 5 लीटर के माप से डिलीवर्ड क्वांटिटी चेक कर सकते हैं। पेट्रोल भरवाते समय जीरो जरूर देखें। तेल की चोरी करने के लिए कई पेट्रोल पंपों के कारिंदे तेल के दाम सही ढंग से डिस्पले नहीं करते। अगर मीटर में जीरो दिख रहा है तो इसका मतलब यह कि गाड़ी में पेट्रोल सही मात्रा जा रहा है, लेकिन हर बार ऐसा हो जरूरी नहीं है। फ्रॉड करने के लिए कारिंदे मशीन में जंप ट्रिक खेलते हैं। इसे पकड़ने के लिए देखें कि अगर पैसा जीरो से सीधा 5 रुपये को क्रॉस कर जाता है तो इसका मतलब है कि ट्रिक यूज हुई। अगर इस ट्रिक को पकड़ लिया तो धोखे से बच जाएंगे।
डेंसिटी का विशेष ध्यान रखना जरूरी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पेट्रोल-डीजल भरवाते समय डेंसिटी का भी खास ख्याल रखें। इसमें गड़बड़ी हुई तो आपकी जेब को चपत लग सकती है। डेंसिटी का सीधा संबंध पेट्रोल या डीजल की शुद्धता से है। अगर पेट्रोल डीजल की डेंसिटी तय मानकों के अनुसार होगी तो तेल डालने के बाद आपकी कार-बाइक अच्छी एवरेज देगी। वाहन का इंजन भी जल्दी खराब नहीं होगा। मानकों के अनुसार, पेट्रोल की शुद्धता की डेंसिटी 730 से 800 के बीच होनी चाहिए। डीजल की डेंसिटी 830 से 900 के बीच होनी चाहिए। मशीन में जहां पेट्रोल-डीजल का पैसा और क्वांटिटी लिखी होती है, उसके नीचे ही डेंसिटी भी लिखी होती है। अगर डेंसिटी तय मानकों के अनुसार नहीं है तो ग्राहक को अधिकार है कि वह पेट्रोल पंप के कारिंदे या मैनेजर से सवाल कर सकता है। अगर वह सही जवाब न दे तो शिकायत भी कर सकता है।
इन बातों का भी खास ध्यान रखें लोग
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन उपरोक्त 2 चीजों का ध्यान रखने के साथ-साथ लोग पेट्रोल-डीजल की क्वांटिटी को लेकर भी सतर्क रहें। अकसर धोखाधड़ी करने के लिए पेट्रोल पंप के कारिंदे मशीन में एक इलेक्ट्रॉनिक चिप लगा देते हैं। इससे मीटर में तेल की मात्रा पूरी दिखाई नहीं देगी। अगर तेल की मात्रा को लेकर संदेह हो तो ग्राहक को अधिकार है कि वह मात्रा चेक करा सकता है। इसके लिए वह कारिंदे को 5 लीटर के मापक से तेल मापने को कह सकता है। हर पेट्रोल पंप 5 लीटर का तेल मापक उपलब्ध होता है। जिन पेट्रोल पंप मशीनों से पेट्रोल रुक-रुककर आए, वहां से तेल न भरवाएं। कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 के मुताबिक, लोग तेल में मिलावट की जांच करा सकते हैं। इसके लिए हर पेट्रोल पंप पर फिल्टर पेपर होता है। फिल्टर पेपर पर पेट्रोल की कुछ बूंदे डालें। अगर दाग छूटेगा तो पेट्रोल मिलावटी है। अगर नहीं छूटेगा तो पेट्रोल साफ है।
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