उत्तर प्रदेश में साढ़े बारह एकड़ से ज्यादा जमीन खरीद के लिए ऐसे मिलेगी अनुमति, जानें बड़ा अपडेट

यूपी में जमीन खरीदने वालों के लिए बड़ा अपडेट सामने आया है, अब साढ़े बारह एकड़ से ज्यादा जमीन खरीदने के लिए लेनी पडेगी अनुमति,
 

UP : साढ़े बारह एकड़ की सीमा से अधिक जमीन खरीदने या ग्राम समाज की जमीन की अदला-बदली (land swap) के लिए सरकारी मंजूरी जल्दी ही घर बैठे मिल सकेगी। दलितों-आदिवासियों की जमीन खरीदने की अनापत्ति भी ऑनलाइन मिलेगी। इससे निवेश प्रस्तावों के जमीन पर उतारने के प्रयासों में तेजी आने और आम लोगों को बड़ी सहूलियत मिलने की उम्मीद है।

प्रदेश में 12.5 एकड़ की सीमा से अधिक जमीन खरीदने पर सरकार से अनुमति की जरूरत होती है। 50 एकड़ जमीन तक डीएम और 50 एकड़ से अधिक लेकिन 100 एकड़ तक मंडलायुक्त को अनापत्ति देने का अधिकार है। इससे अधिक भूमि के लिए शासन अनापत्ति देता है। इसी तरह सामान्य वर्ग के लोग यदि अनुसूचित जाति-अनूसूचित जनजाति के लोगों की जमीन खरीदते हैं, तो जिलाधिकारी की मंजूरी आवश्यक है। एससी-एसटी वर्ग के लोग विशेष परिस्थिति में ही सामान्य वर्ग के लोगों को अपनी जमीन बेच सकते हैं। विशेष परिस्थितियों की जांच कर डीएम अनुमति देते हैं।

उद्योगों या विशेष परियोजनाओं के लिए कई बार ग्राम समाज की आरक्षित श्रेणी (खलिहान, चरागाह आदि) की भूमि की अदला-बदली की जरूरत होती है। इसकी मंजूरी मंडलायुक्त देते हैं। वर्तमान में ये सभी अनापत्तियां-अनुमतियां मैनुअल तरीके से दी जाती हैं। इसके लिए सरकारी दफ्तरों की लंबे समय तक दौड़धूप करनी पड़ती है। कई बार इसमें भ्रष्टाचार की भी शिकायतें आती हैं। मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने राजस्व परिषद को ये सभी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराने का आदेश दे दिया है।

खरीद-फरोख्त में आएगी पारदर्शिता

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्य सचिव ने ये तीनों ही सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए पोर्टल लाइव करने की समय सीमा 15 दिन तय की है। सरकार के इस फैसले से उद्योगों की स्थापना या अन्य विशेष प्रयोजन के लिए जमीन की खरीद-फरोख्त में पारदर्शिता आएगी। सरकारी अनुमति तय समय सीमा में मिल सकेगी। इससे निवेश और उद्योग स्थापना के काम में तेजी आएगी।

45 से 60 दिन में मंजूरी देने का प्रस्ताव

राजस्व परिषद के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तीनों ही सुविधाएं तय समय सीमा में देने की तैयारी है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। अलग-अलग कार्यों के लिए 45 से 60 दिन में मंजूरी देने की योजना है। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय होना बाकी है। पोर्टल पर सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही समय सीमा भी तय कर दी जाएगी। पोर्टल तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है।

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