Parenting Tips : आपकी ये छोटी- मोटी गलतियाँ डालती हैं बच्चे के दिमाग पर बुरा असर

parenting tips : माता-पिता अक्सर अपने बच्चों के खान-पान और रहन-सहन को मजाक में टोक देते हैं, जो उनके दिल पर भी असर डालते हैं. इसलिए, माता-पिता अनजाने में भी गलतियों से बचना चाहिए, क्योंकि यह बच्चों पर गहरा असर डालता है।
 

Saral Kisan : बच्चों को बार-बार टोकने, तंज कसने या गलत उपमा देकर बात करने से बहुत नुकसान होता है। कई बच्चे डरने लगते हैं। माता-पिता से ही बच्चे जीवन के फलसफे सीखते हैं। वे घर पर ही अपनी पहली शिक्षा प्राप्त करते हैं, इससे पहले कि वे बाहर निकलते हैं। ऐसे में, अगर वे अपने अभिभावकों से ही कुछ गलत सीखते हैं, तो यह उनके दिमाग में हमेशा रहेगा। कई माता-पिता अपने बच्चों से ऐसी बातें कहते हैं, जिससे वे पूरे जीवन में ऐसी ही सोच बना लेते हैं।

लड़कियों की तरह रोता है-

अक्सर हमने सुना है कि मां, बेटे के रोने पर उससे कहती   है कि क्यों तुम लड़कियों की तरह रो रहे हो? ऐसे में बच्चा यही सोचेगा कि लड़कियों का ही स्वभाव है रोना, लड़कों को इसका अधिकार नहीं है। हम ऐसी बातें करके बच्चों के अंदर गलत सोच डालते हैं। ऐसा बोलने से बचना चाहिए।

चाय पीने से रंग काला हो जाएगा-

हम हमेशा सुनते हैं कि मां, बच्चों को चाय पीने से रोकती है। खासकर लड़कियों के रंग को लेकर ऐसा कहा जाता है कि चाय पीने से रंग काला हो जाएगा और दूध पीने से गोरा। हम बच्चियों से दूध या चाय के सेहतमंद फायदे न बताकर उनके दिमाग में रंगभेद की एक अवधारणा डाल देते हैं, जो उनके साथ ही बड़ी होती जाती है। चाय पीने-न पीने से गोरे-काले होने का कोई प्रमाण नहीं है।

कान मिर्च जैसे लाल हो गए-

यह बात भी आपने कई माता-पिता के मुंह से सुनी होगी। जब बच्चे को गुस्सा आता है तो मां कहती है कि तेरे कान मिर्ची जैसे लाल हो गए हैं। मतलब, आप गुस्से को मिर्च की उपमा दे रही हैं। सुनने में साहित्यिक लग सकता है, लेकिन बच्चों पर इसका बुरा असर पड़ता है।

बॉडी इमेज पर कमेंट (Comment on body image)-

अभिभावक लगातार बच्चे की खाने-पीने की आदतों को लेकर टोकते (Interrupting about the child's eating habits) हैं और उनके शरीर की बनावट पर कमेंट करते हैं। आपकी इस आदत से बच्चा अपने लुक को लेकर असुरक्षित महसूस कर सकता है। वह हमेशा डरा-सहमा रहने लगेगा। इसलिए बच्चे कैसे भी हों, उनकी बॉडी इमेज पर कभी कोई कमेंट न करें।

उपमा देकर बात न करें-

अभिभावकों की आदत होती है कि वे बच्चों की हरकतों, आदतों और खान-पान को उपमा देकर व्याख्या करते हैं। उन्हें लगता है कि वे मजाक से बच्चों को ऐसा कह रहे हैं, लेकिन इन बातों का बच्चों के व्यक्तित्व पर गहरा असर पड़ता है और उनका आत्मविश्वास कमजोर (low confidence) होता है। उन्हें लगने लगता है कि वे ऐसे ही हैं, क्योंकि उनके माता-पिता उन्हें ऐसा समझते हैं।

तंज कसने से हीन भावना-

फैमिली रिलेशनशिप  (family relationship) काउंसलर उषा माहेश्वरी कहती हैं, अगर आप बच्चों को सुधारने के लिए उनकी बुरी आदतों पर रोक-टोक करना चाहती हैं तो अपने तरीके पर ध्यान दें। बच्चों को प्यार और सकारात्मक शब्दों का इस्तेमाल करके समझाएं। उनको ऐसे सकारात्मक लोगों का उदाहरण दें, जो जीवन में सफल रहे हों। उनकी तुलना किसी अन्य बच्चे से न करें। इसके अलावा तंज कसकर बच्चों से कभी बात न करें। इससे उनके अंदर हीन भावना पैदा होती है। अगर आप ऐसा करेंगी तो बच्चे दूसरों को भी इसी नजर से देखेंगे और आत्मविश्वास खो देंगे।

ये पढ़ें : उत्तर प्रदेश के इस जिले में बनेंगे बड़े हवाई जहाज, विदेशी कंपनियां करेंगी निवेश