उत्तर प्रदेश में बिजली बिल जमा करने के बावजूद, लगा 2000 से ज्यादा लोगों पर चोरी का इल्जाम
Saral Kisan : गोरखपुर में बिजली चोरी के मामले में एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) में धन जमा करने के बाद भी 2000 से अधिक लोगों पर चोरी का दाग लगा हुआ है, नो ड्यूज का प्रमाण पत्र नहीं मिला, बिजली बिल भरने के बाद भी चोरी का दाग लगा हुआ है। पैसे देने के बाद भी अधिशासी अभियंता (ECN) नो ड्यूज का प्रमाण पत्र नहीं देते हैं।
यह प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही एंटी थेफ्ट विद्युत थाना एफआइआर में अंतिम रिपोर्ट बनाएगा। XENX निगम के नियम प्रमाण पत्र न देने का कारण हैं। उनका कहना है कि बिजली चोरी के मामले में पैसे जमा करने वाले को सिर्फ एक साल तक बिजली के बिल का भुगतान करना चाहिए ताकि प्रमाण पत्र मिल सके।
पहले चरण में 65% छूट
बिजली चोरी से जुड़े मामलों को पहली बार एकमुश्त समाधान योजना में शामिल किया गया है। इससे पहले चरण में लगभग 65 प्रतिशत की छूट मिली। जोन में जागरूकता अभियान चलाने के बाद 22 सौ लोगों ने धन जमा किया। इन लोगों ने निगम में साढ़े नौ करोड़ रुपये जमा कर 23 करोड़ रुपये की छूट ली। रुपये देने के बाद लोगों ने सोचा कि उनकी एफआइआर अब नहीं होगी, लेकिन एंटी थेफ्ट थाना से फोन आने पर वह परेशान हो गया।
थाने को बताया गया कि एनएच से जारी नो ड्यूज प्रमाण पत्र लेकर आने के बाद ही अंतिम रिपोर्ट बनाई जाएगी। लंबी भागदौड़ के बाद लगभग दो सौ लोगों को प्रमाण पत्र प्राप्त हुए, लेकिन बाकी लोगों को परेशानी हुई। इनमें से कुछ लोगों के प्रमाण पत्र में एक वर्ष की शर्त है। इसलिए, एंटी-थेफ्ट विद्युत थाना अंतिम रिपोर्ट नहीं बना पा रहा है।
हर महीने बिल भुगतान करना होगा
चोरी के मामलों में, मुख्य अभियंता आशु कालिया ने कहा कि आने वाले 12 महीने में हर महीने बिल भुगतान करना होगा। जो लोग बिजली से जुड़े हैं, वे नियमों का पालन करेंगे। इसके बाद ही आपको नो ड्यूज का प्रमाण पत्र मिलेगा। जिन लोगों को कनेक्शन नहीं है, उन्हें हलफनामा देने से प्रमाण पत्र मिल सकता है।
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