अब किसान होगें मालामाल, गेहूं की यह क‍िस्‍म सालभर में 6 बार काटें, होगी बंपर पैदावार

गेहूं एक ऐसा अनाज है जो बहुत ज्यादा काम भी आता है। इसी से रोटी और ब्रेड बनता है। यह बिस्किट और मैदा बनाता है। इसलिए गेहूं का अधिक उत्पादन दुनिया भर में महत्वपूर्ण है।

 

Saral Kisan : गेहूं एक ऐसा अनाज है जो बहुत ज्यादा काम भी आता है। इसी से रोटी और ब्रेड बनता है। यह बिस्किट और मैदा बनाता है। इसलिए गेहूं का अधिक उत्पादन दुनिया भर में महत्वपूर्ण है। यूक्रेन युद्ध की शुरुआत में रूस ने यूक्रेन से गेहूं का निर्यात रोक दिया, जिससे देश भर में खाद्यान्न संकट पैदा हुआ। खाने के सामान की आदत बन गई। अब ब्रेड अफ्रीका और यूरोप में भी नहीं मिलता था। इसका विकल्प क्या है? जैसा कि सभी जानते हैं, गेहूं एक बार बोया जाता है और चार महीने बाद ही तैयार होता है। यह एक साल में कई बार नहीं उगाया जा सकता है।

डायचे वैले की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी के म्यूनिख में शोधकर्ता गेहूं की खेती को एक क्लाइमेट चैंबर के भीतर कर रहे हैं। उन्होंने गेहूं की एक खास प्रजाति विकसित की है जो ना केवल बहुत जल्दी पककर तैयार होती है, बल्कि एक वर्ष में छह बार फसल दे सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं की ये खास प्रजाति दस हफ्ते, यानी ढाई महीने पहले पककर तैयार हो जाएगी। ज्यादा रोशनी में उत्पादन भी अधिक होगा। भारत जैसे देशों में यह एक वरदान हो सकता है।

एक एकड़ में सौ कुंतल गेहूं

विशेषज्ञों का दावा है कि इसमें खर्च बहुत कम होगा। आप एक बार की लागत में छह गुनी फसल ले सकते हैं। जैसे, अगर आप एक एकड़ में 20 कुंतल गेहूं पैदा कर रहे हैं, तो आप इसी जमीन पर 100 कुंतल गेहूं भी पैदा कर सकते हैं। साइंटिस्ट इसके हर हिस्से को देख रहे हैं। ऐसे ही जैसे पानी और पोषक तत्व ऐसा सिस्टम बनाया जा रहा है कि सामान्य खेती से 95 प्रतिशत कम पानी की आवश्यकता होगी। इस प्रोजेक्ट को म्यूनिख की टेक् निकल यूनिवर्सिटी की चेयर ऑफ ड‍िज‍िटल एग्रीकल्चर ने खर्च किया है।

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