उत्तर प्रदेश में अब लेट नहीं होगा निर्माण कार्य, सीएम योगी का सख्त आदेश जारी

UP News -हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में निर्माण कार्यों में अब देरी नहीं होगी। वास्तव में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनहित की महत्वपूर्ण निर्माण परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने का आदेश दिया है। इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी नीचे खबर में देखें..।

 

UP News - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनहित की महत्वपूर्ण निर्माण परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने का आदेश दिया है। दिल्ली से लौटने के बाद, उन्होंने  विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिवों और प्रमुख सचिवों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में जरूरी निर्देश दिए।

उनका कहना था कि काम की गुणवत्ता और समयबद्धता किसी तरह नहीं मिल सकती। हर परियोजना को समय का पालन करना चाहिए। समय से देर होने पर फर्म पर पेनाल्टी लगेगी. तीन बार से अधिक पेनाल्टी लगी तो फर्म को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा।

13 मेडिकल कालेज एक साथ खोले जाएंगे-
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई चंदौली, बुलन्दशहर, बिजनौर, ललितपुर, पीलीभीत, कानपुर देहात, गोंडा, औरैया, लखीमपुर खीरी, कौशाम्बी, कुशीनगर, सुल्तानपुर और सोनभद्र में शुरू होगी। जनवरी के अंत तक इन सभी 13 मेडिकल कॉलेजों में निर्माण कार्य पूरा होना चाहिए। हैंडओवर लेने से पूर्व कार्य की गुणवत्ता की जांच की जाए। इस लक्ष्य को तेजी से पूरा करने के लिए सभी मेडिकल कॉलेजों को एकजुट होना चाहिए। 

31 जनवरी तक सभी काम पूरा करें:

मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ के भवन को इसी महीने पूरा करना चाहिए और महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर और अमेठी मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्यों को तेज करना चाहिए। उनका कहना था कि माँ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय, सहारनपुर, राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय, अलीगढ़ और महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय, आजमगढ़ में पढ़ाई शुरू हो चुकी है। यह सभी विश्वविद्यालय अगले सत्र से अपने परिसर में काम करेंगे, इसलिए निर्माण कार्य 31 जनवरी तक पूरा होना चाहिए। समय से फर्नीचर आदि उपलब्ध कराएं।

बरेली का निर्माण फरवरी तक पूरा करना चाहिए—

CM ने कहा कि सैनिक स्कूल गोरखपुर का काम जनवरी तक और यूनानी मेडिकल कॉलेज, बरेली का निर्माण कार्य फरवरी तक पूरा होना चाहिए। रामपुर, एक सांस्कृतिक सद्भावना केंद्र, का निर्माण कार्य अपेक्षाकृत धीमा चल रहा है। यह तेजी से होगा। निर्माण परियोजनाओं की देरी से न केवल लागत में वृद्धि होती है, बल्कि लक्षित समुदाय को समय पर लाभ से भी वंचित कर दी जाती है। कारागार, मेडिकल कॉलेज और विश्वविद्यालयों सहित निर्माण कार्य से जुड़ी किसी भी परियोजना का बजट पुनरीक्षण नहीं किया जाएगा। 

ACS नियमित करें काम की समीक्षा

उन्होंने प्रत्येक अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव को निर्देश दिए कि वे अपने विभाग की निर्माणाधीन परियोजनाओं की एक लिखित समीक्षा करें। यदि कार्य में देरी हो, मासिक लक्ष्यों का पालन नहीं हो या गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं हो तो तुरंत कार्रवाई करें। गुणवत्ता और समयबद्धता के मानकों को पूरा नहीं करने वाली फर्म पर पेनॉल्टी लगाई जाएगी। तीन बार पेनॉल्टी लगाने पर फर्म को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। दस जनपदों में प्रस्तावित जिला न्यायालय के निर्माण की प्रक्रिया, जैसे भूमि चयन, कंसल्टेंट चयन डीपीआर, आदि में कोई देरी नहीं की गई। इसे नियोजन विभाग की प्राथमिकता दी जाएगी।

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