NHAI का बड़ा फैसला, अब 4 लेन हाईवे के लिए 90 डिग्री में नहीं काटे जाएंगे पहाड़
 

कालका-शिमला नेशनल हाईवे (Kalka-Shimla National Highway) पांच पर परवाणू से सोलन तक पहले चरण में फोरलेन का निर्माण पूरा हो चुका है। इस सड़क पर बहुत जगह 90 डिग्री की कटिंग अब आफत बन गई है

 

Saral Kisan, HP : प्रदेश में फोरलेन बनाने के लिए अब 90 डिग्री पर पहाड़ों की कटाई नहीं की जाएगी। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (national highway authority) ने मापदंड बदलने का फैसला लिया है। इससे पहाड़ों को अधिक नुकसान नहीं होगा। मापदंड में बदलाव करने के लिए जल्द ही तकनीकी टीम भी पहाड़ों का मुआयना करेगी। इसके बाद सड़क निर्माण में पहाड़ियों की कटिंग यदि गुंजाइश होगी तो ही की जाएगी।

इससे पहाड़ सुरक्षित रहेंगे और अधिक नहीं दरकेंगे। इसके साथ-साथ फोरलेन निर्माण करने के लिए एक्सपर्ट समेत भू-विशेषज्ञों की भी राय ली जाएगी। इसके बाद ही ड्राइंग तैयार की जाएगी। यह फैसला राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (national highway authority) के सबसे पहले फोरलेन प्रोजेक्ट परवाणू-सोलन (Fourlane Project Parwanoo-Solan) में दरकती हुई पहाड़ियों को देखते हुए लिया है। वहीं इस प्रोजेक्ट में अब एक्सपर्ट की राय लेने के बाद नई तकनीक को अपनाकर दरकते पहाड़ों को भी टिकाया जाएगा।

गौरतलब है कि कालका-शिमला नेशनल हाईवे (Kalka-Shimla National Highway)पांच पर परवाणू से सोलन तक पहले चरण में फोरलेन का निर्माण पूरा हो चुका है। इस सड़क पर बहुत जगह 90 डिग्री की कटिंग अब आफत बन गई है। इसके अलावा जहां पहाड़ को इससे कुछ कम कोण पर काटे गया है वो भी भरभरा रहे हैं। ऐसे में अब लगातार परवाणू से सोलन की बीच भूस्खलन हो रहा है। गर्मी या फिर बरसात का मौसम पहाड़ियों से भूस्खलन हो रहा है। परवाणू से सोलन तक फोरलेन से चालकों को मुसीबत का सामना कर करना पड़ रहा है।

इन दिनों तंबूमोड़ के पास नेशनल हाईवे (National Highway) पर पहाड़ी से रोजाना मलबा गिर रहा है। फोरलेन निर्माण कर रही कंपनी जिनता मलबा हटाती है उतना ही मलबा पहाड़ी से और सड़क पर आ जाता है। हैरत की बात यह है कि फोरलेन निर्माण कर रही कंपनी समेत राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सड़क का निर्माण करना चुनौती बना हुआ है। वहीं फोरलेन का हिमाचल में सबसे पहला चरण होने से एनएचएआई ने बहुत कुछ सीखा है। जिसे अब ठीक करने का प्रयास भी किया जा रहा है।

12 से 15 अगस्त के बीच हिमाचल में कई जगहों में एक्सपर्ट कमेटी मुआयना करेगी। प्रदेश में हर 200 मीटर के बाद पहाड़ी का स्वभाव बदल जाता है। परवाणू-सोलन फोरलेन प्रोजेक्ट में जो कमियां हैं उसे देखकर आगामी प्रोजेक्ट में उसे दूर करने का प्रयास भी किया गया है। अब पहाड़ियों की कटिंग के लिए नए मापदंड अपनाए जाएंगे। अधिकतर टनल का निर्माण किया जाएगा। परवाणू-सोलन तक दरकते पहाड़ को टिकाने के लिए जल्द ही काम भी शुरू किया जाएगा।

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