उत्तर प्रदेश के इस शहर में विकसित की जाएगी नई टाउनशिप, 1.85 लाख लोगों को मिल जाएगा घर

UP News - एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि यूपी के इस शहर न्यू टाउनशिप विकसित की जाएगी। प्राधिकरण की ओर से शासन में दिए गए प्रजेंटेशन में बताया गया कि इसमें 41 हजार परिवार रह सकेंगे।

 

UP : मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) की परतापुर-मोहिउद्दीनपुर में प्रस्तावित न्यू टाउनशिप में एक लाख 85 हजार लोगों को आशियाना मिलेगा। प्राधिकरण की ओर से शासन में दिए गए प्रजेंटेशन में बताया गया कि इसमें 41 हजार परिवार रह सकेंगे। परतापुर-मोहिउद्दीनपुर के बीच 300 हेक्टेयर में प्रदेश की पहली इंटीग्रेटेड टाउनशिप दो फेज में तैयार होगी। इसके लिए शासन ने सोमवार को 503 करोड़ रुपए के बजट की मंजूरी भी दे दी।

मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के अंतर्गत मेडा की ओर से परतापुर मोहिउद्दीनपुर के बीच (भूड़बराल, परतापुर, छज्जूपुर-इकला) में न्यू टाउनशिप का प्रस्ताव तैयार किया गया था।

मेडा की ओर से ट्रांजिट ओरिएंटेड डवलपमेंट (टीओडी) नीति के तहत रैपिड कॉरीडोर के चारों ओर विकास कार्य को जरूरी बताते हुए सोमवार को मेडा उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय, सचिव चंद्रपाल तिवारी और नगर नियोजक विजय कुमार सिंह ने अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण के समक्ष मजबूती से प्रजेंटेशन दिया था।

मेडा उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि जमीन अधिग्रहण पर करीब दो हजार करोड़ रुपए का खर्चा आएगा, ऐसे में एक हजार करोड़ की मांग की गई थी। इसके लिए अपर मुख्य सचिव की ओर से 503 करोड़ रुपए की मंजूरी दे दी गई है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल से भी धन जुटाया जाएगा और बैंक से भी लोन लेकर न्यू टाउनशिप विकसित की जाएगी।

मिक्स लैंड यूज से ढाई लाख को फायदा

कमिश्नर के निर्देश पर टीओडी नीति के तहत महायोजना-2031 में मिश्रित भू-उपयोग रखा गया है। एनसीआरटीसी ने भी इसकी पैरवी की थी। इसके लिए पूर्व में 611 आपत्तियों का निस्तारण भी किया गया था। मिश्रित भू उपयोग के कारण न केवल न्यू टाउनशिप में रिहाइश होगी बल्कि व्यवसायिक, औद्योगिक, शैक्षिक गतिविधियां भी होंगी। ऐसे में जहां एक लाख 85 हजार परिवार रह सकेंगे तो वहीं ढाई लाख लोग काम भी करेंगे। 

जिस तरह से शहीरकरण हो रहा है, ऐसे में आने वाला समय वर्टिकल कल्चर यानि बहुमंजिला इमारतों के विस्तार का है। अब अपनी जमीन, अपनी छत से इतर लोग फ्लैट पसंद कर रहे हैं। शहर में रैपिड रेल, मेट्रो, एक्सप्रेस-वे और हाइवे जुड़ रहे हैं। शहर के चारों ओर हाइवे का जाल बिछ रहा है। ऐसे में यह न्यू टाउनशिप शहर के साथ ही आसपास लोगों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होगी।

निवेशक भी कर रहे मेरठ का रुख

केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से मेरठ में विकास को लेकर विभिन्न विकास योजनाएं आयाम ले रही हैं। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे शुरू होने से दिल्ली से दूरी घट गई है। महायोजना में दो हजार करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। रैपिड के आते ही तेजी से निवेश बढ़ेगा। बाहर के लोग भी मेरठ में निवेश के लिए यहां का रुख कर रहे हैं।

अब मेरठ होगा दिल्ली विस्तार क्षेत्र

मेरठ की दिल्ली से लगातार नजदीकी बन रही है। दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे के बाद से दिल्ली जाना बहुत आसान हो गया है। वास्तव में मेरठ मे जिस तरह से विकास योजनाएं चल रही हैं, ऐसे में अब मेरठ केवल जिला नहीं दिल्ली विस्तारित क्षेत्र में शामिल हो गया है। अब जल्द ही दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव के लोग भी मेरठ में संपत्ति लेंगे।

महायोजना में बढ़ा भू-उपयोग

भू उपयोग महायोजना 2031   (हेक्टेयर में)
आवासीय 12980.45
व्यवसायिक 856.79
औद्योगिक 2820.86
पब्लिक 3185.06
पार्क व ओपन स्पेस 5163.03
ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्ट 3039.37
रीक्रिएशन व अन्य 678.63
शहरीकरण क्षेत्र 28724.19

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