इंदौर-बुधनी तक बिछेगी नई रेल लाइन, तीनों जिलों में जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया हुई शुरू
New railway line : इस परियोजना को इस वित्तीय बजट में 514 करोड़ रुपये की बड़ी राशि दी गई है, जिसके बाद किसानों को मुआवजा देना शुरू हो गया है।
Land acquisition : नई रेलवे लाइन जो इंदौर से बुधनी तक चलेगी, इसके लिए निजी भूस्वामी की जमीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। रेलवे ने इस परियोजना के लिए इंदौर-देवास और सिहोर जिले में भूमि अधिग्रहण की अंतिम सूचना दी है। इसके लिए इंदौर जिले में 123.50 हेक्टेयर निजी जमीन दी जानी है। इसके लिए किसानों को मुआवजा राशि मिलेगी। रेलवे तीन महीने में निजी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर देगा और मार्च में निर्माण शुरू कर देगा। इसके लिए रेलवे ने भी टैंडर बनाने का काम शुरू कर दिया है।
रेल सेवाओं में पिछड़ा रहने वाला इंदौर एक दिन रेल सेवाओं में सिरमौर बन जाएगा। इंदौर में लगभग आधा दर्जन रेल परियोजनाएं चल रही हैं। इनके पूरा होने के बाद इंदौर से पूरे देश में रेल सेवा मिल सकेगी। लंबे समय से रुकी हुई इंदौर-बुधनी रेल लाइन को भी इससे गति मिली है। 198 किमी की इस रेल परियोजना की लागत 750 करोड़ रुपये है। इस परियोजना को इस वित्तीय बजट में 514 करोड़ रुपये की बड़ी राशि दी गई है, जिसके बाद किसानों को मुआवजा देना शुरू हो गया है।
सरकारी जमीन पर कार्य जारी है
रेलवे परियोजना के लिए निजी जमीन की खरीद अब शुरू हुई है, लेकिन राज्य सरकार ने पहले ही रेलवे को सरकारी जमीन पर काम करने की अनुमति दी थी। इंदौर और बुधनी में सरकारी जमीन पर पुल, पुलिया, ब्रिज और अंडर पास बनाने का काम अभी भी जारी है। अब निजी जमीन पर भी पुल, पुलिया और स्टेशन बनेंगे।
इस मार्ग पर दो सुरंग बनेंगे
इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन पर देवलिया हथनौरा गांव के पास करीब 53 किमी बुधनी की ओर दो सुरंगे बनाए जाएंगे। नो किमी लंबी सुरंग बनाई जाएगी। उस स्थान पर दूसरी सुरंग लगभग डेढ़ किमी लंबी होगी।
तीन जिलों को पार करेगी
इंदौर-बुधनी रेल लाइन मध्य प्रदेश के तीन जिलों इंदौर, देवास और सिहोर से गुजरेगी। इसमें सबसे लंबी रेल लाइन 112 किमी देवास जिले में बनाई जाएगी। रेलवे लाइन को सीहोर जिले में 66 किमी और इंदौर में 20 किमी बिछाया जाना है। तीनों जिलों में जमीन अधिग्रहण शुरू हो गया है।
खातेगांव-कन्नोद का नया रास्ता खुलेगा
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि देवास जिले की खातेगांव और कन्नोद तहसील रेलवे लाइन से हमेशा पीछे रहे हैं।इस लाइन के बिछने से खातेगांव और कन्नोद क्षेत्र में एक नया रास्ता शुरू होगा। व्यापार और अन्य सुविधाओं में वृद्धि होगी।खातेगांव का इलाका पूरी तरह से सड़कों पर निर्भर था। रेलवे लाइन की वजह से हरदा, भैरूंदा जैसे क्षेत्र भी लाभांवित होंगे।इस क्षेत्र के लोगों का इंदौर, भोपाल, जबलपुर और नागपुर आना जाना आसान होगा।