UP में बन रहा नया हाईवे, 2 राज्यों की राजधानियों को करेगा सीधा कनेक्ट

UP New Foulane : इस सड़क को तीन अलग-अलग फोर और सिक्स लेन हाईवे से जोड़ा जाएगा, जो दोनों राजधानियों को जोड़ेगा। जो मुद्दा चर्चा में है। इसके लिए कानपुर-कबरई राजमार्ग, कबरई-सागर राजमार्ग और सागर भोपाल राजमार्ग तीन अलग-अलग चरणों में बनाया जा रहा है। इस एक्सप्रेस-वे के बनने से बुंदेलखंड को दोनों राजधानियों से सीधे जोड़ा जाएगा, साथ ही भोपाल और लखनऊ को भी जोड़ा जाएगा।
 

Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लोगों को अच्छी खबर मिलने वाली है। दोनों राज्यों की राजधानियों को जल्द ही एक एक्सप्रेस वे मिल जाएगा। वर्ष 2025 में ये एक्सप्रेस उनके लिए उपलब्ध होंगे। भोपाल से लखनऊ की दूरी लगभग 600 किमी है। इसे तय करने में अभी चार से पांच घंटे लगते हैं। लेकिन इस राजमार्ग के निर्माण के बाद यह समय सिर्फ सात घंटे रह जाएगा। जिससे लोग आसानी से चल सकें।

बुंदेलखंड से जुड़ेगा, यह एक्सप्रेस-वे

इस सड़क को तीन अलग-अलग फोर और सिक्स लेन हाईवे से जोड़ा जाएगा, जो दोनों राजधानियों को जोड़ेगा। जो मुद्दा चर्चा में है। इसके लिए कानपुर-कबरई राजमार्ग, कबरई-सागर राजमार्ग और सागर भोपाल राजमार्ग तीन अलग-अलग चरणों में बनाया जा रहा है। इस एक्सप्रेस-वे के बनने से बुंदेलखंड को दोनों राजधानियों से सीधे जोड़ा जाएगा, साथ ही भोपाल और लखनऊ को भी जोड़ा जाएगा।

कबरई से सागर तक बन रहा, 245 किलोमीटर लंबा फोरलेन

यमुना एक्सप्रेस-वे की तरह यह भी बनाया जा रहा है। लखनऊ-कानपुर फोरलेन हाईवे और एक्सप्रेस वे को बनाने की योजना है। नौबस्ता हाईवे, जो कानपुर से कबरई हाईवे को जोड़ता है, 124 किलोमीटर की दूरी पर बनाया जा रहा है। इसके अलावा कबरई में एक बाईपास भी बनाया जाएगा। बाईपास बनने से गाड़ी कस्बे से पहले ही निकल जाएगी। कबरई से सागर तक एक नया 245 किलोमीटर फोरलेन बनाया जा रहा है। साथ ही एक 150 किमी लंबी फोरलेन सागर से भोपाल तक होगी।

पिछले 5 सालों से चल रहा, तेजी से कार्य

नौबस्ता-कबरई हाईवे पर अत्यधिक वाहन लोड है। इसलिए वे ये एक्सप्रेस बना रहे हैं। यह काम साल 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। इस एक्सप्रेस वे में कानपुर शहर, कानपुर देहात, हमीरपुर और महोबा शामिल होंगे। जो लखनऊ, कानपुर और फिर बुंदेलखंड के छतरपुर से गुजरेगा। पिछले पांच वर्षों से इस फोर टू सिक्स लेन एक्सप्रेस वे पर काम चल रहा है। इस एक्सप्रेस वे का निर्माण लगभग 11 हजार 300 करोड़ रुपये का होगा।