New Criminal Law : नया कानून लागू होते ही दिल्ली में हुई FIR, जानिए भारतीय न्याय संहिता के नए रूल

भारतीय न्याय संहिता में 1 जुलाई से बीएनएस एक नया कानून जोड़ा गया है। नया कानून 1 जुलाई से लागू होते ही सेंट्रल दिल्ली की कमला मार्केट थाने में एक FIR दर्ज हो गई। देर रात को पेट्रोलिंग पर घूम रही पुलिस ने देखा
 

Bharatiya Nyaya Sanhita : भारतीय न्याय संहिता में 1 जुलाई से बीएनएस एक नया कानून जोड़ा गया है। नया कानून 1 जुलाई से लागू होते ही सेंट्रल दिल्ली की कमला मार्केट थाने में एक FIR दर्ज हो गई। देर रात को पेट्रोलिंग पर घूम रही पुलिस ने देखा कि रेलवे स्टेशन के पास एक युवक रेहड़ी लगाकर पानी और गुटखा बेच रहा है। इसके तुरंत बाद बीएनएस के तहत पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।

पुलिस ने रेहड़ी लगाकर सामान भेज रहे शख्स को कई बार हटाने के लिए कहा। लेकिन वह पुलिस कर्मियों के बाद को नजरअंदाज करता रहा और उसने कहना मानने से साफ इनकार कर दिया। कई बार कहने के बाद वह अपनी मजबूरी बताकर वहां से चला गया। पुलिस ने शख्स का नाम पता करके बीएनएस की धारा 285 के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस कानून के तहत दर्ज की गई यह पहली एफआईआर है।

तीन कानूनों में हुआ बदलाव

भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को 1 जुलाई से पूरे भारत में लागू कर दिया गया है। इन कानून को अपराधी कानूनों के तौर पर जाना जाता है। भारतीय दंड संहिता 163 साल पुराना कानून था जी की जगह अब बीएनएस ने ले ली है। बीएनएस में धोखाधड़ी से लेकर संगठित अपराध के लिए कड़ी सजा का प्रावधान दिया गया है।

भारतीय न्याय संहिता की खास बात

भारतीय न्याय संहिता का सेक्शन 358 है। हालांकि आईपीसी में 511 सेक्शन होते थे। इसमें 21 नए तरह के अपराधों को शामिल किया गया है। 41 अपराधों के लिए कारावास की अवधि बढ़ाई गई है। 82 अपराधों में जुर्माने की राशि को बढ़ाया गया है। BNS में 25 ऐसे अपराध हैं जिनमें कम से कम सजा का प्रावधान है। नए कानून में से ऐसे अपराध शामिल किए गए हैं जिनके लिए सामाजिक सेवा का दंड दिया जाएगा। साथ ही अपराध के 19 सेक्शंस को हटा दिया गया है।