Delhi-NCR के पास बनने जा रहा है नया शहर, 21 हजार हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण का रास्ता साफ
Saral Kisan : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पास उत्तर प्रदेश (UP) में अब एक नया शहर बसने जा रहा है, जिसका नाम 'न्यू नोएडा (New Noida)' होगा। नोएडा और ग्रेटर नोएड में आबादी के साथ ही इंडस्ट्री के बढ़ते दबाव को देखते हुए अब उत्तर प्रदेश सरकार गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के बीच 'नया नोएडा' बसाएगी। 'न्यू नोएडा' में इंडस्ट्री के लिए बड़े पैमाने पर जमीन उपलब्ध कराई जाएगी, जबकि लोगों के रहने के लिए मकान भी बनेंगे।
नोएडा अथारिटी ने इसके लिए मास्टर प्लान 2041 के मसौदे को मंजूरी दे दी है, जिससे लगभग 21,000 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण का रास्ता साफ हो गया है। अधिकारियों ने कहा कि मास्टर प्लान 2041 का फोकस दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (DNGIR) में औद्योगिक विकास होगा, जहां न्यू नोएडा विकसित करने का प्रस्ताव है।
कहां बस रहा है नया शहर?
रिपोर्ट के मुताबिक, 'न्यू नोएडा' नामक यह नया व्यवस्थित शहर बुलंदशहर और गौतमबुद्ध नगर के गावों को मिलाकर बनाया जाएगा। प्रस्ताव के मुताबिक, न्यू नोएडा में बुलंदशहर के करीब 60 तो गौतमबुद्ध नगर के 20 गांव शामिल किए जाएंगे। इसके अलावा गाजियाबाद के छह अन्य गांव भी शामिल होंगे। 1976 में स्थापित दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के मुख्य शहर नोएडा की शुरुआत धीमी रही, लेकिन हाल के वर्षों में इसके विकास में काफी तेजी आई है।
नोएडा में पहले बड़े पैमाने पर कृषि लायक जमीन थी, जो अब आवासीय और औद्योगिक इमारतों में तब्दील हो गया है। नोएडा में इस वक्त तेजी से जगह की कमी हो रही है। वहीं, ग्रेटर नोएडा 1990 के दशक की शुरुआत में अस्तित्व में आया, जो नोएडा से लगभग 30 किमी दूर एक शांत शहर है। अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा पर बोझ को कम करने के लिए 'न्यूज नोएडा' बसाने की आवश्यकता महसूस की गई।
'न्यू नोएडा मास्टर प्लान' को मंजूरी देने का निर्णय 13 अगस्त को नोएडा अथॉरिटी की 210वीं बोर्ड बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव, राज्य के बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास आयुक्त और प्राधिकरण के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने की। बोर्ड ने इस दौरान अटकी आवासीय परियोजनाओं पर अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों पर भी चर्चा की।
क्या है 'न्यू नोएडा' मास्टर प्लान 2041?
स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (SPA) द्वारा तैयार किए गए नए नोएडा मास्टर प्लान के तहत 'न्यू नोएडा' में आवासीय, व्यावसायिक भूखंडों के अलावा विशेष औद्योगिक क्षेत्र (SEZ) स्थापित किए जाएंगे। नए शहर में लॉजिस्टिक हब, इंटीग्रेटेड टाउनशिप और स्किल डेवलपमेंट सेंटर के साथ ही नॉलेज सेंटर एवं यूनिवर्सिटी के लिए जमीन उपलब्ध कराए जाएंगे। नोएडा अथॉरिटी बोर्ड की मंजूरी के बाद अब जल्दी ही जमीन अधिग्रहण का काम शुरू हो जाएगा।
नोएडा अथॉरिटी ने इस साल न्यू नोएडा में जमीन अधिग्रहण और आंतरिक विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये का बजट भी निर्धारित किया है। अथॉरिटी की योजना न्यू नोएडा के लिए गौतमबुद्धनगर के 20 गांवों और पड़ोसी जिले बुलंदशहर के 60 गांवों की कृषि भूमि अधिग्रहण करने की है।
नोएडा अथॉरिटी के एक अधिकारी ने मनीकंट्रोल को बताया, "नोएडा में आगे के विकास के लिए शायद ही कोई जमीन बची है। हालांकि, बढ़ती जनसंख्या के कारण उद्योगों, वाणिज्यिक परियोजनाओं और अन्य विकास के लिए जमीन की मांग बढ़ रही है। इसलिए, अब DNGIR में विकास की योजना बनाई गई है जिसे 'न्यू नोएडा' के नाम से जाना जाएगा।''
40 फीसदी जमीन पर लगेंगे उद्योग-
उन्होंने कहा कि न्यू नोएडा मास्टर प्लान के मुताबिक, कुल चिह्नित जमीन में से 40 फीसदी जमीन पर उद्योग लगेंगे। लगभग 13 फीसदी जमीन का उपयोग आवासीय उद्देश्यों के लिए किया जाएगा, जबकि 18 प्रतिशत हरित बेल्ट और मनोरंजक उद्देश्यों के लिए रिजर्व रखा जाएगा।
अटके हुए प्रोजेक्ट होंगे पूरे-
अधिकारियों के अनुसार, नोएडा अथॉरिटी बोर्ड ने रुकी हुई परियोजनाओं पर अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों पर भी चर्चा की, जिसने लगभग 2 लाख घर खरीदारों को राहत देने के लिए इन्हें पुनर्जीवित करने के उपायों का प्रस्ताव दिया है। अथॉरिटी के एक अधिकारी ने कहा कि बैठक में डेवलपर्स के बकाए पर रोक लगाने और ब्याज दरों को तर्कसंगत बनाने के समिति के सुझावों पर चर्चा की गई, लेकिन निर्णय पर पहुंचने से पहले और विचार-विमर्श होने की संभावना है।
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