NCR Infrastructure : गाजियाबाद मास्टर प्लान साल 2031 को मिली मंजूरी, यहां बनाए जाएंगे 2 लॉजिस्टिक पार्क
गाजियाबाद और लोनी में नॉन कन्फर्मिंंग भू-उपयोग को कंफर्म करने के लिए सर्वे चल रहा है। गाजियाबाद व लोनी स्थित 1442.15 हेक्टेयर जमीन गैर अनुरूप भू-उपयोग के रूप में दर्ज हैं। गाजियाबाद में 464.11 हेक्टेयर और लोनी में 978.05 हेक्टेयर हैं। इस जमीन पर नक्शे पास नहीं हो सकते हैं। नॉन कन्फर्मिंंग भू-उपयोग को कन्फर्म करने के बाद सर्वे पूरा होने के बाद इन क्षेत्रों के भू-उपयोग प्रस्तावित किए जाएंगे।
Ghaziabad News : गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की शनिवार को हुई बोर्ड बैठक में गाजियाबाद की महायोजना 2031 को मंजूरी मिल गई। अब मास्टर प्लान शासन को भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद लागू होगा। औद्योगिक और व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और उचित प्रबंधन के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के किनारे दो लॉजिस्टिक पार्क बनाए जाएंगे।
जीडीए बोर्ड अध्यक्ष सेलवा कुमारी जे. की अध्यक्षता में शनिवार को मेरठ मंडलायुक्त के कार्यालय सभागार में जीडीए की 163वीं बोर्ड बैठक हुई। इसमें गाजियाबाद-डासना, लोनी और मोदीनगर-मुरादनगर के तीन ड्राफ्ट को एकीकृत कर मास्टर प्लान 2031 रखा गया। करीब दो घंटे तक चली बैठक में मास्टर प्लान पर मंथन किया गया। इस दौरान मंडलायुक्त ने सभी बिंदुओं का अध्ययन किया। इसके बाद मास्टर प्लान को हरी झंडी दे दी गई। शासन से मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाएगा।
महायोजना 2031 लागू होने से गाजियाबाद डासना, लोनी, मुरादनगर, मोदीनगर की 61365.77 हेक्टेयर जमीन पर नियोजित तरीके से विकास हो सकेगा। उक्त भूमि का भू-उपयोग आवासीय, व्यावसायिक, औद्योगिक, ग्रीन, मनोरंजन और अन्य में घोषित हो जाएगा। प्राधिकरण के कोष में इजाफा होगा तो विकास को गति मिलेगी। प्राधिकरण को विकास शुल्क, नक्शा स्वीकृति शुल्क आदि के रूप में राजस्व मिलेगा। अधिक धनराशि विकास शुल्क से रूप में मिलेगी।
हरित क्षेत्र बढ़ेगा : महायोजना में प्रदूषण को दूर करने और पर्यावरण को सुदृढ़ करने के लिए विकसित क्षेत्र के अंतर्गत मानक से अधिक हरित क्षेत्रों को विकसित किया जाएगा। उक्त के अतिरिक्त पार्कों व हरित पट्टियों का भी विकास होगा। बोर्ड बैठक में जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह, सचिव राजेश कुमार सिंह, अपर सचिव सीपी त्रिपाठी, एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के चीफ कोर्डिनेटर प्लान एससी गौड, बोर्ड सदस्य आदि मौजूद रहे।
टीओडी जोन और विशेष विकास क्षेत्र बढ़ा
मास्टर प्लान में रैपिड कॉरिडोर के दोनों ओर घोषित टीओडी जोन और विशेष विकास क्षेत्र बढ़ गया है। दुहाई डिपो को स्टेशन के रूप में नोटिफाई करने से यहां विशेष विकास क्षेत्र बढ़ा है। रैपिड कॉरिडोर के दुहाई डिपो व स्टेशन के पास प्रभाव क्षेत्र में पहले से प्रस्तावित कृषि भू-उपयोग की जमीनों को टीओडी नीति के तहत मिश्रित भू-उपयोग किया गया है। पहले गुलधर स्टेशन के पास 510 हेक्टेयर व दुहाई स्टेशन के पास 549 हेक्टेयर में विशेष विकास क्षेत्र चिह्नित किया था, लेकिन अब संशोधित मास्टर प्लान में दुहाई डिपो के विशेष विकास क्षेत्र व प्रभावित क्षेत्र भी करीब 500 हेक्टयेर बढ़ा है। उक्त क्षेत्र में मिश्रित भू-उपयोग मान्य होगा।
नॉन कंफर्मिंग जोन का सर्वे चल रहा
गाजियाबाद और लोनी में नॉन कन्फर्मिंंग भू-उपयोग को कंफर्म करने के लिए सर्वे चल रहा है। गाजियाबाद व लोनी स्थित 1442.15 हेक्टेयर जमीन गैर अनुरूप भू-उपयोग के रूप में दर्ज हैं। गाजियाबाद में 464.11 हेक्टेयर और लोनी में 978.05 हेक्टेयर हैं। इस जमीन पर नक्शे पास नहीं हो सकते हैं। नॉन कन्फर्मिंंग भू-उपयोग को कन्फर्म करने के बाद सर्वे पूरा होने के बाद इन क्षेत्रों के भू-उपयोग प्रस्तावित किए जाएंगे।
निवेश बढ़ेगा
मास्टर प्लान 2031 लागू होने से निवेश बढ़ेगा। नए मास्टर प्लान में रियल एस्टेट के लिए संभावनाएं अधिक हैं। उद्यम स्थापित हो सकेंगे। अन्य कई क्षेत्रों में निवेश के रास्ते होगा, जिससे जनपद में रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। युवाओं को रोजगार मिल सकेगा।
अपना घर मिल सकेगा
प्लान में आवासीय क्षेत्र को जगह दी गई है। इससे लोगों को घर मिलेगा। 35.7 फीसदी क्षेत्र आवासीय रहेगा। 19.8 फीसदी मनोरंजन, 16.8 फीसदी परिवहन, 10.1 फीसदी औद्योगिक, 9.2 फीसदी पब्लिक, 2.4 फीसदी मिश्रित भू-उपयोग, 2.09 फीसदी व्यावसायिक क्षेत्र रहेगा।
ट्रैफिक व्यवस्था सुधरेगी
मास्टर प्लान में यातायात को सुगम बनाने की व्यवस्था है। हाईवे के किनारे ट्रक-बस टर्मिनल बनाए जाएंगे। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के मानकों के अनुरूप भविष्य की योजनाओं के तहत प्रस्तावित मार्गों के चौड़ीकरण, चौराहों के डिजाइन और सौंदर्यीकरण होगा।