MP : सागर जिले में 2 नए बस स्टैंड शुरू, यात्रियों को मिलेंगे कई फायदे तो कुछ होंगे नुकसान

MP News : मध्य प्रदेश के सागर जिले में 45 साल पूराना बस स्टैंड को शिफ्ट कर दिया गया है. मध्य प्रदेश के सागर हर दिन लगभग बस स्टैंड से 18000 यात्री एक स्थान से दूसरे स्थान का सफर तय करते थे। बस स्टैंड शिफ्ट का यह फैसला यातायात दबाव को कम करने के लिए लिया गया है। 

 

Sagar bus stand shifted : मध्य प्रदेश के सागर में स्थित 45 साल पुराने बस स्टैंड को सिफ्ट कर दिया गया है। बता दें कि शहर के बीचो-बीच बने इस बस स्टैंड को अब दो अलग-अलग जगह पर स्थानांतरित कर दिया गया है। इस बस स्टैंड को शिफ्ट करने के बाद अब शहर में दो नए बस स्टैंड शुरू हो गए हैं। शहर के मुख्य बस स्टैंड से पहले रोजाना 500 बसों का आना-जाना होता था। इस बस स्टैंड से हर दिन करीब 18000 यात्री सफर तय करते थे। अब नए बस स्टैंड शहर से 6 किलोमीटर दूर स्थित है। शहर के यातायात दबाव को मुक्ति दिलाने के लिए 45 साल बाद बस स्टैंड को शिफ्ट करने का फैसला लिया गया है। इस बस स्टैंड को शिफ्ट करने से कुछ फायदे तो कुछ नुकसान भी हुए हैं. 

फायदे

पहले शहर में चारों तरफ से बसों का आवागमन होने से जाम की स्थिति बन जाती थी। लेकिन बस स्टैंड शिफ्टिंग के बाद जाम से मुक्ति मिलेगी. शहर में यात्री बसों के चलते अब दुर्घटना भी कम होगी। दो अलग-अलग छोर पर बस स्टैंड बनने से शहर दोनों तरफ विकसित होगा। आने वाले भविष्य में शहर विकसित होने से लोगों को बड़ा फायदा मिलेगा। शहर से बस स्टैंड दूर होने की वजह से अब ऑटो चालक और स्मार्ट सिटी बसों को रोजगार के साधन ज्यादा उपलब्ध होंगे. शहर के बाहर बस स्टैंड विकसित होने से लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। नए बस स्टैंड बनने के बाद आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज के विद्यार्थियों, आरटीओ कार्यालय में जाने वाले लोगों सीधी बस मिलने से बड़ा फायदा होगा। नए बस स्टैंड में यात्रियों के लिए पानी, वॉशरूम सेट और अन्य अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी.

नुकसान 

शहर से बाहर 6 किलोमीटर दूर बस स्टैंड शिफ्टिंग होने से शहर के लोगों को यात्रा करने के अब ज्यादा दूरी तय करनी पड़ेगी। पहले यात्री मुख्य बस स्टैंड सीधे पहुंच जाते थे लेकिन अब शहर से दूर बस स्टैन्ड होने से लोगों को ऑटो और स्मार्ट सिटी बसों का सहारा लेना पड़ेगा। मुख्य बस स्टैंड पहुंचने के लिए लोगों को ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी। जिस भी यात्रियों को ज्यादा जल्दी होगी ऑटो वाले उसे मनमर्जी का किराया वसूल करेंगे। शहर में पहले बस स्टैंड से स्टेशन की दूरी मात्र 3 किलोमीटर थी लेकिन नए बस स्टैंड से यह दूरी 10 किलोमीटर हो जाएगी। 

गांव से पढ़ने शहर आने वाले छात्र-छात्राओं को अब ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ेगा। अब डिग्री कॉलेज में पहुंचने के लिए या तो पैदल जाना पड़ेगा या किसी ऑटो से सफर करना पड़ेगा. आपको बता दें कि पहले सरकारी और प्राइवेट बस स्टैंड एक जगह पर स्थित थे। पहले यात्रियों को भोपाल जबलपुर जाने वाली बसें एक स्थान से मिल जाती थी लेकिन अब उन्हें 8 किलोमीटर का सफर तय करके नए बस स्टैन्ड तक पहुंचाना पड़ेगा. सबसे ज्यादा परेशानी कॉलेज में पढ़ने वाली छात्र-छात्राओं के लिए हो रही है डिग्री कॉलेज की छात्राएं अब अलग से किराया देकर कॉलेज तक जा पा रही हैं या उन्हें पैदल चलना पड़ रहा है गर्मी का मौसम होने की वजह से यह परेशानी और भी ज्यादा हो गई है

जल्द दूर होगी दिक्कत 

बस स्टैंड शिफ्टिंग ने कुछ अतिरिक्त समस्याओं को जन्म दिया है। कलेक्टर दीपक आर्य ने बताया कि समस्याओं को दूर करने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। इन कमियों को हफ्ते में दस दिन में जल्द से जल्द दूर कर दिया जाएगा।