Matter of Law : इन 8 वजहों से पति पत्नी ले सकते हैं एकतरफा तलाक, जानें अपने अधिकार

भारत में, पति या पत्नी एकतरफा तलाक ले सकते हैं। एकतरफा तलाक लेने के लिए, पति या पत्नी को तलाक की याचिका दायर करनी होगी। तलाक की याचिका में, पति या पत्नी को अपने आधारों को स्पष्ट रूप से बताना होगा। तलाक की याचिका दायर करने के बाद, कोर्ट मामले की सुनवाई करेगी और तलाक की मंजूरी मिलेगी।

 

Saral Kisan, Delhi : इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में तलाक से जुड़ा एक मामला सामने आया। जिसमें कोर्ट (Court) ने लंबे समय तक लाइफ पार्टनर को शारीरिक संबंध यानी फिजिकल रिलेशन (physical relationship) न बनाने देने को मानसिक क्रूरता बताया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार चतुर्थ की खंडपीठ ने दिया है।

आज जरूरत की खबर में तलाक से जुड़े सभी पहलुओं पर बात करेंगे हमारे एक्सपर्ट सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एडवोकेट सचिन नायक, पटियाला हाउस कोर्ट की एडवोकेट सीमा जोशी से।

सवाल: इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला जिस मामले में आया, वो केस क्या है?
जवाब: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रहने वाले रविंद्र प्रताप यादव याचिकाकर्ता हैं। उनकी शादी 1979 में हुई थी। शादी के कुछ समय के बाद पत्नी ने शारीरिक संबंध बनाने से मना कर दिया था। इस आधार पर पति ने पत्नी से तलाक मांगा।

पत्नी ने तलाक देने से मना कर दिया। इसलिए फैमिली कोर्ट ने तलाक अर्जी को खारिज कर दिया।

इसके बाद पति हाईकोर्ट पहुंचा, जहां हाईकोर्ट ने पूरा मामला सुनने के बाद फैमिली कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया और मानसिक क्रूरता के तहत तलाक दिलवाया।

सवाल: हिंदू विवाह कानून में मानसिक क्रूरता का क्या मतलब है?
जवाब: क्रूरता को परिभाषित करना कठिन है। कानूनी संदर्भ में यह और मुश्किल है।

सामाजिक और आर्थिक हालात पर यह तय होता है।

कई बार शारीरिक क्रूरता तो दिख जाती है, लेकिन मानसिक क्रूरता को बयां नहीं किया जा सकता। शारीरिक क्रूरता शरीर पर निशान छोड़ती है, लेकिन मानसिक क्रूरता के साक्ष्य कैसे बताए जा सकते हैं।

हिंदू विवाह कानून में सेक्शन 13(1)ia में पति-पत्नी के बीच क्रूरता का जिक्र है।
तलाक से जुड़े कुछ और कॉमन सवालों के जवाब जानते हैं…

सवाल: क्या पति के पास भी पत्नी के समान कानूनी अधिकार होते हैं?
जवाब: पति के पास पत्नी के समान अधिकार नहीं हैं, लेकिन कुछ कानूनी अधिकार उनके पास अपनी सुरक्षा और मान-सम्मान के लिए मौजूद हैं।

सवाल: अगर पत्नी किसी तीसरे व्यक्ति के साथ फिजिकल रिलेशनशिप में हो, तो पति क्या कर सकता है?
जवाब: इस कंडीशन में एडल्ट्री का ग्राउंड लेते हुए पति अपनी पत्नी से तलाक मांग सकता है जिसकी याचिका फैमिली कोर्ट में लगानी होगी।

सवाल: पत्नी पति का घर छोड़कर मायके या कहीं और रह रही हो, तो पति उसके खिलाफ क्या एक्शन ले सकता है?
जवाब: अगर पत्नी बिना वजह घर छोड़कर चली जाती है और वापस नहीं आती है, तो पति हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 9 के तहत डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एप्लिकेशन दे सकता है। वो मांग कर सकता है कि कोर्ट पत्नी को वापस घर लौटने का आदेश दे।

हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 9 के तहत ये प्रोविजन भी है कि ऐसे मामलों में घर छोड़कर जाने वाले को कोर्ट में ये साबित करना होता है कि आखिर उसने घर क्यों छोड़ा।

पति ऐसे केस में CrPC की धारा 154 के तहत पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करा सकता है।

सवाल: पति अपनी पत्नी से तलाक कैसे मांग सकता है?
जवाब: अगर पत्नी किसी भी तरह से पति को प्रताड़ित कर रही है। जिसकी वजह से पति तलाक चाहता है।

पटियाला हाउस कोर्ट की एडवोकेट सीमा जोशी कहती हैं कि पति को हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 13 के तहत विवादित तलाक यानी कंटेस्टेड तलाक मिल सकता है। इसे एकतरफा तलाक भी कहते हैं। इसमें काेर्ट पति से सबूत मांग सकता है कि उसे तलाक क्यों चाहिए।

सवाल: एकतरफा तलाक पति किस आधार पर मांग सकता है?
जवाब: पति या पत्नी एक-दूसरे को बिना कारण बताए तलाक नहीं मांग सकते। इन 8 आधार पर कोर्ट तलाक दे सकती है। नीचे लगे क्रिएटिव से समझते हैं…

व्यभिचार यानी एडल्ट्री: अगर पति या पत्नी में से कोई भी एक-दूसरे को धोखा देता है और किसी तीसरे के साथ फिजिकल रिलेशन यानी यौन संबंध बनाता है।

क्रूरता: इसे एक जानबूझकर किए गए काम के तौर पर डिफाइन किया गया है, जिसमें पार्टनर को बॉडी के किसी भी पार्ट यानी अंग, लाइफ या मेंटल हेल्थ के लिए खतरा हो सकता है। इसमें दर्द पैदा करना, गाली देना, मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना शामिल है।

एक-दूसरे के साथ नहीं रह रहे: शादी होने के बाद भी अगर पति या पत्नी 2 साल से ज्यादा टाइम तक एक-दूसरे के साथ नहीं रह रहे हैं, तो यह भी एकतरफा तलाक का आधार हो सकता है।

धर्म परिवर्तन: अगर पति या पत्नी अलग-अलग धर्मों से हैं। शादी करने के दौरान भी दोनों ने अपने धर्म में रहना ही स्वीकार किया है, तो ऐसी स्थिति में शादी के बाद पति या पत्नी में से कोई भी दूसरे पार्टनर को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करे।

संन्यास: पति या पत्नी में से कोई भी एक अगर शादीशुदा जिंदगी को छोड़कर संन्यास लेने का फैसला करता है तो फिर दूसरे व्यक्ति के पास कोर्ट से एकतरफा तलाक लेने का पूरा अधिकार है।

गुमशुदगी: पति-पत्नी में से कोई एक अगर 7 साल पूरे होने के बाद भी गायब है और दूसरे पार्टनर को यह नहीं पता कि गायब हुआ पार्टनर जिंदा भी है या मर चुका है, तो ऐसी स्थिति में गायब हुए पार्टनर से दूसरा पार्टनर तलाक लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सकता है।

गंभीर शारीरिक या मानसिक रोग: अगर आपके पार्टनर को कोई मानसिक रोग है या फिर कोई गंभीर बीमारी जैसे- एड्स, कुष्ठ रोग जैसी कोई बीमारी है तो एक तरफा तलाक की अर्जी कोर्ट में लगाई जा सकती है।

नपुंसकता: कई मामलों में नपुंसकता के आधार पर भी पार्टनर कोर्ट में एकतरफा तलाक की अर्जी दाखिल कर सकता है।

सवाल: पति को तलाक के बाद पत्नी को कब तक गुजारा भत्ता देना होगा?
जवाब: तलाक के बाद गुजारा भत्ता पति को तब तक ही देना होगा, जब तक पत्नी उस पर आश्रित है। अगर पत्नी ने दूसरी शादी कर ली है तो पति कोर्ट में गुजारा भत्ता न देने की अपील कर सकता है।

सवाल: फैमिली कोर्ट के फैसलों को हाईकोर्ट में कैसे चैलेंज किया जा सकता है?
जवाब: आप फैमिली कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं। हाईकोर्ट के नियमों के आधार पर फर्स्ट अपील जाएगी।

सवाल: अगर किसी मामले में सुप्रीम कोर्ट से भी तलाक की याचिका खारिज हो गई है तब तलाक लेने के लिए क्या कर सकते हैं?
जवाब: तलाक लेने के 3 रास्ते बचते हैं

दोबारा तलाक के लिए अपील की जा सकती है।
दोबारा अपील सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में ही की जा सकती है।
दोबारा अपील करने के बाद कुछ ऐसी बातें साबित करनी होंगी, जो कोर्ट में पहले नहीं कर पाए थे।

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