राजस्थान में चंबल नदी के मास्टर प्लान ने पकड़ी रफ्तार, 10 जिलों की हो जाएगी मौज

Chambal Master Plan : राजस्थान और मध्य प्रदेश की जनता को बड़ी सौगात मिलने वाली है. मध्य प्रदेश और राजस्थान में चंबल नदी के मास्टर प्लान पर सहमति बन चुकी है। चंबल नदी के मास्टर प्लान की योजना अब रफ्तार पकड़ने लगी है। 

 

Rajasthan and Madhya Pradesh News : राजस्थान और मध्य प्रदेश की जनता को बड़ी सौगात मिलने वाली है. राजस्थान और मध्य प्रदेश के लिए चंबल नदी जीवनदायिनी साबित होगी. मध्य प्रदेश को इसके लिए एजेंसी चयन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। चंबल नदी के मास्टर प्लान पर जितना भी धनराशि खर्च होगी वह दोनों राज्यों में आधा-आधा बांटा जाएगा.

30 और 50 वर्षों के लिए पानी की आवश्यकता

इसमें आगामी 30 और 50 वर्षों के लिए पानी की आवश्यकता का आकलन किया जाएगा। नदी में कितना पानी आता है? इसमें सिंचाई, पेयजल, औद्योगिक उपयोग और वाष्पीकरण की मात्रा का विश्लेषण किया जाएगा। चम्बल नदी के आसपास के सभी बांधों का जल विश्लेषण भी किया जाएगा।

पीकेसी-ईआरसीपी का समझौता हुआ 

दोनों राज्यों में लंबे समय से चम्बल के मास्टर प्लान का मुद्दा था। मास्टर प्लान बनाने का प्रयास लगभग दो वर्ष पहले शुरू हुआ था, लेकिन दोनों राज्यों में कोई समझौता नहीं हुआ था। अब दोनों राज्यों में एक ही पार्टी की सरकार होने से इस योजना का रास्ता खुला है। दोनों राज्यों के बीच पीकेसी-ईआरसीपी का समझौता होने के बाद, अब चम्बल और उसकी सहायक नदियों के लिए एक मास्टर प्लान बनाने की प्रक्रिया चल रही है।  

कोटा बैराज से निकलने वाली दाईं मुख्य नहर पर होने वाले खर्च में राजस्थान का 24.6% और मध्यप्रदेश का 75.4% हिस्सा है। मध्यप्रदेश में भी इससे सिंचाई होती है। गांधी सागर, राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज इस नदी पर बनाए गए।

चंबल नदी दोनों राज्यों में 

चंबल नदी 965 किलोमीटर लंबी है। राजस्थान की सरहद में इसकी लंबाई 376 किलोमीटर है। चंबल नदी से हाडोती की 2.29 लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई की जाती है। राजस्थान के कोटा बैराज से निकलने वाली दी मुख्य नहर की 6656 क्यूसेक जल प्रवाह क्षमता है. इस दाईं मुख्य नहर से राजस्थान के 124 किलोमीटर में जल प्रवाहित होता है। मध्य प्रदेश में 248 किलोमीटर की सीमाओं में जल प्रभाव होता है। बता दे की तकनीकी कमेटी में सहमति बन चुकी है. प्रारंभिक स्तर पर चंबल का मास्टर प्लान तैयार करने का प्रस्ताव पर प्लान चल रहा है. इस बड़े प्लान पर दोनों राज्य के सचिव स्तर की बैठक में चर्चा होने की संभावना है. राजस्थान मध्य प्रदेश चंबल जल नियंत्रण मंडल की तकनीकी कमेटी में इस प्रस्ताव पर आपसी सहमति बन चुकी है.