उत्तर प्रदेश में बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र के चल रहे ईंट भट्ठों पर बड़ी कार्यवाही, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का चला डंडा
 

UP News : उत्तर प्रदेश के पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों ने छापेमारी के दौरान बिना लाइसेंस के चलाए जा रहे चार ईट भट्ठों को बंद किया। सांसद अरुण कुमार सागर की सीएम योगी को शिकायत के बाद तुरंत कार्रवाई की गई। इस दौरान प्रशासन और पुलिस के अधिकारी जिला खनन अधिकारी भी मौजूद रहे। 

 

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों ने छापेमारी के दौरान बिना लाइसेंस के चलाए जा रहे चार ईट भट्ठों को बंद किया। सीएम योगी को लिखे गए पत्र में उन्होंने बताया कि जनपद में ऐसे कई  ईंट भट्ठे चलाए जा रहे हैं, जिनके पास पॉल्यूशन बोर्ड का लाइसेंस नहीं है। उन्होंने बताया की भट्टों को संचालन में प्रयोग की जाने वाली मिट्टी का अवैध खनन किया जा रहा है। कलम जलालाबाद और सदर तहसील क्षेत्र में संचालित ऐसे 7 भट्ठों की सूची दी गई थी। पत्थर पहुंचने के बाद आधार से गठित संयुक्त राष्ट्र टीम के अधिकारी सीधे कलान पहुंचे। 

प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी

प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी अनु सरवन सहायक श्यामबाबू द्विवेदी सबसे पहले कलान क्षेत्र के गांव पृथ्वीपर ढाई पहुंचे। ब्रिक फील्ड के मेंबर्स केदारनाथ भी वहां पहुंचे। यंहा के मुनीम सोनू से विभाग के अधिकारियों ने वायु सहमति पत्र दिखाने को कहा। सहमति पत्थर नहीं मिलने पर अधिकारियों ने चल रहे ईंट भट्ठे में पानी डालकर बंद करवा दिया। इसके साथ ही बंदी आदेश देते हुए विभाग ने मुनीम सोनू को एक प्रति भी दी। 

नहीं मिले कागजात

इसके बाद विभाग की टीम ने कार्यवाही को जारी रखते हुए पृथ्वीपुर ढाई के  कान्हा ईंट उद्योग को बंद किया, फिर विजेंद्र सिंह ब्रिक फील्ड और कश्मीर सिंह ब्रिक फील्ड पर गए। वहां के संचालक और कर्मचारियों से लाइसेंस सहित कई कागजात मांगे गए। जो उपलब्ध करवाने में असमर्थ रहे। अनु श्रवन सहायक ने जांच टीम में शामिल सभी जिला पंचायत के प्रमुख जिला अधिकारी संतोष कुमार को यह दायित्व सौंपा की बगैर लाइसेंस भत्ते दोबारा संचालित नहीं हो। प्रदूषण बोर्ड की टीम में बरेली के सहायक वैज्ञानिक अधिकारी सुनील सिंह चौहान, अभियंता अधिकारी अंकित चौधरी सहित कई लोग शामिल थे।