Longest Train: एक ट्रेन टिकट में घूम लेंगे तीन देश, 7 दिन के सफर में दिखेगा 87 शहरों का नजारा

Siberian Railway Route : दुनिया भर में रेलवे से करोड़ों लोग रोजाना सफर करते हैं। रेलवे का नेटवर्क दुनिया के कोने-कोने में फैला हुआ है। आज हम आपको एक ऐसी ट्रेन के बारे में बताने वाले हैं जिसका सफर करने में 7 दिन 20 घंटे 25 मिनट का समय लगता है।

 

World Longest Train Journey : दुनिया भर में रेलवे से करोड़ों लोग रोजाना सफर करते हैं। रेलवे का नेटवर्क दुनिया के कोने-कोने में फैला हुआ है। दुनिया भर में रेलवे में यात्रा बेहद सस्ती और आसान होती है। कहीं रेलवे का यह सफर मिनट में पूरा हो जाता है तो कहीं पर 7 से 8 दिन लग जाते हैं। आज हम आपको ऐसी ट्रेन के बारे में बता रहे हैं जिसके सफर में 75 घंटे से ज्यादा लगते हैं।

आज हम आपको एक ऐसी ट्रेन के बारे में बताने वाले हैं जिसका सफर करने में 7 दिन 20 घंटे 25 मिनट का समय लगता है। इस ट्रेन का संचालन रूस के मॉस्को से नॉर्थ कोरिया के प्‍योंगयांग शहर तक किया जाता है। इस ट्रेन को ट्रांस साइबेरियन भी बोला जाता है। क्योंकि सफर के दौरान यह ट्रेन तकरीबन 142 स्टेशन तथा 87 शहरों से होकर गुजरती है।

ट्रांस साइबेरियन ट्रेन 7 दिन में तकरीबन 10214 किलोमीटर लंबा सफर तय करती है। रूस से उतरी कोरिया के बीच चलने वाली इस ट्रेन में सफर के दौरान 16 नदियों तथा 87 शहरों के साथ-साथ जंगल बर्फ के मैदानो और पहाड़ों का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है।

ट्रांस साइबेरियन नाम से जानी जाने वाली इस ट्रेन की शुरुआत साल 1916 में की गई थी। नॉर्थ कोरिया से मास्को तक आने वाली इस ट्रेन को पहले व्लादिवोस्तोक तक चलाया जाता था। इस ट्रेन में नॉर्थ कोरिया से प्‍योंगयांग  तक आने वाले यात्रियों को बीच में कहीं पर भी अपनी ट्रेन या कोच बदलने की जरूरत नहीं पड़ती है। साइबेरिया की आर्थिक विकास के लिए इस इस ट्रेन का संचालन किया गया था। जिसे बेहद लाभ मिला।

तीन देशों को जोड़ने वाली यह ट्रेन दुनिया की सबसे लंबी ट्रेन है। लंबी दूरी तय करने वाली यह ट्रेन रूस साउथ कोरिया और मंगोलिया जोड़ती हैं। मंगोलिया पहुंचकर इस ट्रेन से बीजिंग के लिए सफर किया जा सकता है। ट्रेन के शुरू होने के बाद मंगोलिया से बीजिंग तक सफर करने वाले लोगों की यात्रा काफी आसान हो गई है।

नॉर्थ कोरिया से महीने में दो बार इस ट्रेन का संचालन किया जाता है। मॉस्को से चलने वाली इस ट्रेन के डिब्बो को नॉर्थ कोरिया के तुमांनगेन स्टेशन पर छोड़ दिया जाता है उसके बाद इन ट्रेनों डिब्बों को अन्य ट्रेनों के साथ जोड़कर प्‍योंगयांग तक पहुंचाया जाता है।