Loan EMI Bounce : लोन नहीं भरने पर रिकवरी एजेंट करता है परेशान तो जानें अपने अधिकार

Loan EMI Bounce : यदि आप लोन ले चुके हैं और उसे समय पर नहीं भर पा रहे हैं, तो इस खबर को एक बार जरूर पढ़ें। आज की इस खबर में हम आप से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण अधिकारों के बारे में बताएँगे। जो मरने के बाद रिकवरी एजेंट आपको परेशान नहीं करेंगे..।
 

Saral Kisan : जब लोगों की जरूरतें बढ़ती जाती हैं और वे कम पैसे कमा रहे हैं, तो वे लोन लेने की कोशिश करते हैं। वह कम अर्निंग पर समय से लोन नहीं चुका पाता है।

उसकी मंथली EMI रुक जाती है तो बैंक की तरफ से नियुक्त किए गए रिकवरी एजेंट्स उसको फोन करके परेशान करने लगते हैं और कई दफा तो घर तक पहुंच जाते हैं.

आइए, यहां पर यह समझने की कोशिश करते हैं कि अगर किसी व्यक्ति को लोन रिकवरी एजेंट (Loan Recovery Agent) परेशान कर रहे हैं तो वह क्या कर सकता है?

शांत रहें-

शांत रहना महत्वपूर्ण है और गरमागरम बहस या धमकियों में शामिल नहीं होना चाहिए.

अपने अधिकारों को जानें-

एक बॉरोअर के तौर पर अपने अधिकारों को समझें और स्थानीय लोन रिकवरी (Loan Recovery) कानूनों के बारे में जानकारी करना चाहिए.

हर चीज़ का डॉक्यूमेंटेशन करें-

कॉल, संदेश और ईमेल सहित सभी इंटरैक्शन का रिकॉर्ड रखें. दिनांक, समय और बातचीत के डीटेल्स नोट कर लें.

दृढ़ता से बातचीत करें-

एजेंट को विनम्रतापूर्वक सूचित करें कि आप अपने अधिकारों को जानते हैं और लिखित कम्यूनिकेशन को प्राथमिकता देते हैं. पर्सनल या फाइनेंशियल डीटेल्स के बारे में जानकारी देने से बचें.

लिखित प्रमाण का अनुरोध करें-

एजेंट से मूल लोन (Loan) एग्रीमेंट और डीटेल्स सहित लोन (Loan) का लिखित प्रूफ देने के लिए कहें.

बंद करें और छोड़ें-

यदि उत्पीड़न जारी रहता है, तो एक औपचारिक संघर्ष विराम पत्र भेजने पर विचार करें, जिसमें आपकी चिंताओं को उजागर किया गया हो और अनुरोध किया गया हो कि सभी कम्यूनिकेशन लिखित रूप में हों.

लेंडर से संपर्क करें-

इस इश्यू पर बातचीत करने और उनके रिकवरी एजेंट के व्यवहार की रिपोर्ट करने के लिए मूल लेंडर तक पहुंचें.

शिकायत दर्ज करें-

यदि आवश्यक हो तो संबंधित नियामक अधिकारियों, कंज्यूमर प्रोटेक्शन एजेंसियों या बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत दर्ज करें.

ब्लॉक करें और इग्नोर करें-

यदि उत्पीड़न जारी रहता है, तो एजेंट का नंबर ब्लॉक करें और उनके कम्यूनिकेशन को इग्नोर करें. आधिकारिक चैनलों के माध्यम से मामले को सुलझाने पर ध्यान दें.

कानूनी सहायता-

यदि उत्पीड़न जारी रहता है या बढ़ जाता है, तो कानूनी कार्रवाई का पता लगाने के लिए लोन (Loan) रिकवरी और उत्पीड़न के मामलों में अनुभवी वकील से परामर्श लें.

गौरतलब है कि हर परिस्थिति यूनिक होती है, इसलिए अपने फैसले का इस्तेमाल करें और अपनी भलाई और कानूनी अधिकारों को प्राथमिकता देना जरूरी होता है.

(डिस्क्लेमर- यहां पर बताए गए नियम सार्वभौमिक नहीं हैं. ऐसी स्थिति से निपटने के लिए किसी प्रोफेशनल से सलाह लेना जरूरी होता है.)

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