उत्तर प्रदेश में 13 गांवों की जमीन अधिग्रहण कर बनेगा लिंक एक्सप्रेसवे, आवागमन होगा बेहतर
Uttar Pradesh : यूपी सरकार ने राज्य की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए एक्सप्रेसवे नेटवर्क को बढ़ा रहा है। इस अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे है, जो बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को चित्रकूट से जोड़ेगा। इस फोर-लेन वन क्षेत्र परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का 69% पूरा हो चुका है।
एक्सप्रेसवे के लिए जमीन का होगा, अधिग्रहण
उत्तर प्रदेश सरकार चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे परियोजना के तहत 13 गांवों को 166.55 हेक्टेयर जमीन दे रही है। अब तक 69% जमीन अधिग्रहण पूरा हुआ है। इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए हाल ही में 120 करोड़ रुपये की राशि दी गई है। 100 करोड़ रुपये पहले ही इस परियोजना को दिए गए हैं, जिसकी कुल लागत 228 करोड़ रुपये है।
यह फोर लेन ग्रीन फील्ड परियोजना 15.20 किलोमीटर लंबी है और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को एनएच 135 से जोड़ेगी। भूमि अधिग्रहण के बाद एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू होगा। सरकार ने इसे 1.5 से 2 वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
अधिग्रहण के लिए इन गांवों को किया गया, चयनित
इस परियोजना के लिए रानीपुर भट्ट, चकला राजरानी, रामपुर माफी, गोंडा, भारतपुर भैंसौंधा, भारतपुर तरांव और अहमदगंज में स्थित हैं। भरथौल, मछरिहा, रानीपुर खाकी, शिवरामपुर, सीतापुर माफी, खुटहा गांवों को चिन्हित किया गया है।
लोक निर्माण विभाग की कार्य योजना फिर हुई, वापस
उत्तर प्रदेश सरकार ने पीडब्ल्यूडी 2020–2024 कार्ययोजना को पुनः संशोधित प्रारूप में भेजने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले स्थानीय जनप्रतिनिधियों से कार्ययोजना की सिफारिश की। हालाँकि, शासन ने हाल ही में भेजी गई बदली हुई योजना भी वापस कर दी है।
6,000 करोड़ की लागत से होगा, मार्गों का चौड़ीकरण
6,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से राज्य मार्गों का चौड़ीकरण और 700 से अधिक लघु पुलों का निर्माण इस परियोजना का उद्देश्य था। लेकिन कार्ययोजना में निर्धारित मानकों और प्रारूप की कमी के कारण इसे फिर से सुधारने के निर्देश दिए गए हैं।
10 जिलों की 46 सड़कों से लिए गए नमूनों में से अधिकांश असफल रहे हैं, सूत्रों ने बताया। इससे सड़कों की गुणवत्ता और अभियंताओं की कार्यक्षमता पर प्रश्नचिन्ह उठ रहे हैं। ठंड के मौसम में निर्माण प्रभावित होने से गुणवत्ता पर और अधिक दबाव डाला जाएगा। डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के अध्यक्ष एनडी द्विवेदी ने सुझाव दिया कि बार-बार कार्ययोजना वापस करने की बजाय अधिकारियों के साथ मिलकर कमियों को तुरंत दूर किया जाए, ताकि निर्माण कार्यों में देरी न हो।