वकील ने HighCourt के सामने बहस करने से किया मना, सुप्रीम कोर्ट ने लिया यह ऐक्शन

एक वकील को हाईकोर्ट में केस लेकर बहस करने से मना करना भारी पड़ा। न्यायालय का कहना है कि वकील की तरफ से बहस करने से मना करने के बाद हाईकोर्ट के पास जमानत रद्द करने के अलावा और भी उपाय हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले पर कार्रवाई की है। नीचे खबर में पूरा मामला पढ़ें: 

 

Supreme Court News : एक वकील को मुवक्किल के लिए हाईकोर्ट में बहस करने से इनकार करना भारी पड़ा। इस घटना से हैरान सुप्रीम कोर्ट ने अब मामले में कार्रवाई की है। समाचार है कि इसके बाद उच्च न्यायालय ने जमानत रद्द कर दी है। शीर्ष न्यायालय ने अब वकील को नोटिस भेजा है और हाईकोर्ट का आदेश रद्द कर दिया है।

खबर है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच के सामने जाने से अनिल कुमार नामक वकील ने इनकार कर दिया था। बाद में उच्च न्यायालय ने उनके तीन ग्राहकों को दी गई जमानत को रद्द करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई, इसके बाद मामला शीर्ष न्यायलय पहुंचा। तीनों को पहले कोर्ट से जमानत मिली थी। 

सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई की:

1 दिसंबर को ही, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की पहले दी गई जमानत आदेश को बरकरार रखा है। इसके बावजूद, यह एक अंतिम उपाय है। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि सिर्फ वकील की तरफ से बहस करने से इनकार करने के कारण हाईकोर्ट जमानत रद्द करने के अलावा अन्य उपाय भी खोज सकता था। वकील के इस निर्णय की सुप्रीम कोर्ट ने आलोचना की है। साथ ही कहा है कि इस आधार पर उच्च न्यायालय जमानत आदेश नहीं दे सकता।

पूरी बात जानें- 

मामले को जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस पंकज मित्तल की अगुवाई वाली बेंच ने सुनाया। कोर्ट ने कहा, "हमें यह जानकारी हैरानी है कि अपीलकर्ताओं की तरफ से नियुक्त किए गए वकील ने यह कहने की हिम्मत दिखआई कि वह हाईकोर्ट की बेंच के सामने मामले में बहस नहीं करेंगे..।"कोर्ट ने कहा कि जमानत रद्द करने का आदेश जारी करने की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि अपीलकर्ताओं के वकील ने डिफॉल्ट किया था।

एडवोकेट के खिलाफ कोर्ट ने शोकॉज नोटिस जारी किया है। साथ ही, कोर्ट ने वकील को 22 जनवरी 2024 को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का भी आदेश दिया है। शीर्ष न्यायालय ने यह भी कहा कि इलाहाबाद के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस की प्रतिलिपि दी जाएगी।

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